ऊर्जा विभाग में CMD गलत काम करने का दे रहे थे दवाब, महाप्रबंधक के इस्तीफा से मचा IAS लॉबी में हड़कंप, सियासी गलियारे में भी भूचाल....

बिहार का उर्जा विभाग फिर से विवादों में है. पहले आईएएस संजीव हंस पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे तो उनके खिलाफ ईडी की जांच और गिरफ्तारी हुई. अब विभाग के महाप्रबंधक ने अपने सीनियर पर गंभीर आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया है.

Bihar Energy Department
Bihar Energy Department- फोटो : news4nation

Bihar News: बिहार के सरकारी विभागों पर अक्सर ही भ्रष्टाचार के दलदल में धंसे रहने का आरोप लगता है. भ्रष्टाचार से ही जुड़ा ताजा मामला राज्य के उर्जा विभाग का है, जहां अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक यानी सीएमडी पर ही गलत काम करने के लिए दवाब बनाने आरोप लगाया गया है.  बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कम्पनी लिमिटेड के महाप्रबंधक अनिल कुमार ने इसे लेकर इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने बिहार स्टेट पावर (हो.) कंपनी लिमिटेड के अध्यक्ष सह एमडी पर अनुचित दबाव देने का आरोप लगाया है. 


उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि सीएमडी ने ऐसे आदेश दिए हैं जिसका अनुपालन करना अनुचित और अनैतिक है. सीएमडी पर गलत काम करने का दबाव बनाने की बात करते हुए अनिल कुमार ने अपना इस्तीफा दे दिया है. उनके इस्तीफा देने से भूचाल मच गया है. ऊर्जा विभाग में भ्रष्टाचार के जो आरोप लगते रहे हैं उसी कड़ी में विभाग के ही वरीय आधिकारी द्वारा अपने सीनियर पर यह गंभीर आरोप लगाया है. भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण ही इससे पहले ईडी ने विभाग के पूर्व सचिव को गिरफ्तार किया था. अब अनिल कुमार ने एक और बड़ा आरोप लगाकर विभाग की कलई खोल दी है. 


संजीव हंस हुए थे गिरफ्तार 

दरअसल, बिहार के ऊर्जा विभाग में इसके पहले तत्कालीन सचिव संजीव हंस के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी हुई थी. बाद में उन्हें गिरफ्तार किया गया था. उनके खिलाफ कई तरह के गंभीर आरोप लगाए गए हैं जिसकी जांच ईडी कर रही है. आईएएस अधिकारी संजीव हंस पर लगे आरोपों और उनके गिरफ्तारी से जहां उर्जा विभाग पहले से विवादों में घिरा है वहीं अब अनिल कुमार के ताजा आरोप और उनका इस्तीफा देना फिर से एक बार भूचाल मचाने वाला साबित हुआ है. यहां तक कि दिलीप के आरोपों से राज्य के आईएएस लॉबी में भी हड़कंप मचे होने की खबर है. 

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कौन हैं अनिल कुमार 

 बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कम्पनी लिमिटेड के महाप्रबंधक पद पर रहे अनिल कुमार एक सेवानिवृत अधिकारी हैं. वे पिछले कुछ समय से संविदा पर बिजली कम्पनी में कार्यरत थे. बताया जा रहा है कि करीब तीन महीने की संविदा अवधि अभी शेष थी लेकिन उसके पहले ही उन्होंने विभाग में भ्रष्टाचार यानी सीनियर अधिकारियों पर अनुचित दबाव बनाने का आरोप लगाकर भूचाल मचा दिया है.