Mokama Auta Simaria 6 Lane Bridge: बिहार में बने एशिया के सबसे चौड़े पुल का इस दिन होगा उद्घाटन, पीएम मोदी देंगे मोकामा 6 लेन पुल की सौगात
Mokama Auta Simaria 6 Lane Bridge: बिहार में बने एशिया के सबसे चौड़े पुल पर आवागमन शुुरु हो गया है लेकिन फिलहाल इस पुल का औपचारिक उद्घाटन नहीं हुआ है। इसका उद्घाटन पीएम मोदी करेंगे।

Mokama Auta Simaria 6 Lane Bridge: बिहार में गंगा नदी पर मोकामा के औंटा और बेगूसराय के सिमरिया के बीच बना 6 लेन का सिक्स लेन केबल स्टे ब्रिज लगभग तैयार हो चुका है। करीब 1200 करोड़ की लागत से बना यह पुल एशिया का सबसे चौड़ा पुल बताया जा रहा है। अगले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस पुल का उद्घाटन करेंगे। वहीं पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि यह बदलते बिहार की तस्वीर है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि, लालटेन युग वाले लोगों को यह पुल नजर नहीं आएगा, लेकिन बिहार की जनता को इससे बड़ी सहूलियत मिलेगी।
कुल 8 किलोमीटर लंबी परियोजना
यह पुल गंगा पर 1.865 किलोमीटर लंबा है जबकि शेष 6.285 किलोमीटर एप्रोच रोड है। हथिदह स्टेशन के पास रेलवे लाइन के ऊपर भी स्टील का ओवरब्रिज बनाया जा रहा है। इस पुल का सारा काम पूर्ण हो गया है और पिछले एक माह से अधिक से पुल पर वाहनों का आवाजाही भी शुरु हो गई है। हालांकि, इस पुल का औपचारिक उद्घाटन होना बाकी है। सूत्रों की मानें तो अगले महीने पीएम मोदी बिहार आएंगे तब इस पुल का उद्घाटन करेंगे। इस पुल के चालू होने से बख्तियारपुर होते हुए मोकामा, सिमरिया और बेगूसराय तक की यात्रा बेहद सुगम हो गई है। उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच मालवाहन और यात्री यातायात का समय भी कम हो गया है।
राजेंद्र पुल के समांतर बना है नया पुल
गौरतलब है कि यह पुल राजेंद्र पुल के समानांतर बनाया गया है। वर्तमान में राजेंद्र पुल पर वनवे यातायात चालू है और भारी वाहनों का परिचालन प्रतिबंधित है। नए पुल के शुरू होने से भारी वाहनों को गंगा पार करने के लिए लंबा चक्कर नहीं काटना पड़ेगा। जिससे कारोबारियों और आम लोगों को राहत मिलेगी। पिछले कुछ समय से इस पुल के एक लेन पर ट्रायल के तौर पर आवाजाही शुरू कर दी गई थी। हालांकि अब पुल के सभी लेन का पर परिचालन शुरु है।
पीएम मोदी कर सकते हैं पुल का उद्घाटन
सूत्रों के मुताबिक, अगले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार आने की संभावना है। वे स्वयं इस ऐतिहासिक पुल पर जाकर इसका उद्घाटन करेंगे। इसी को ध्यान में रखते हुए बचे हुए कार्यों को युद्ध स्तर पर पूरा किया जा रहा है।