Bihar Politics : बिहार सरकार के मंत्री संतोष सुमन ने तेजस्वी पर कसा तंज, कहा सरकार पर आरोप लगाने से पहले याद करें अपने माता-पिता का शासनकाल

Bihar Politics : बिहार सरकार के मंत्री संतोष सुमन ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर तंज कसा है. उन्होंने कहा की तेजस्वी यादव को एनडीए सरकार को कोसने व आरोप लगाने से पहले अपने माता-पिता के भयावह शासनकाल को याद करना चाहिए.....पढ़िए आगे

Bihar Politics : बिहार सरकार के मंत्री संतोष सुमन ने तेजस्वी
तेजस्वी पर तंज - फोटो : SOCIAL MEDIA

PATNA : हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष व लघु जल संसाधन मंत्री डॉ. संतोष सुमन ने कहा है कि तेजस्वी यादव को एनडीए सरकार को कोसने व आरोप लगाने से पहले अपने माता-पिता के भयावह शासनकाल को याद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपराध, हत्या और रेप की हर एक घटना निंदनीय हैं। मगर अपराध की किसी घटना को लेकर सस्ती राजनीति करना उससे भी ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण है।सुमन ने अपने बयान में कहा है कि पूरे देश में आज लोगों को देश की सीमा से लेकर आंतरिक सुरक्षा तक के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके नेतृत्व की एनडीए सरकार पर भरोसा है। एनडीए सरकार ने न केवल देश की सीमा की सुरक्षा को पुख्ता किया है बल्कि पहलगाम जैसे आतंकी वारदात के खिलाफ कारगर कार्रवाई कर आम लोगों में सुरक्षा का भाव भी पैदा किया है।

उन्होंने कहा कि बिहार में भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने सुशासन व कानून का राज स्थापित किया है। अपराध की सामान्य घटनाओं के खिलाफ भी कानून सख्ती से अपना काम करता है और अपराधी कोई भी हो बिना किसी राजनीतिक हस्तक्षेप व भेदभाव के उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होती है। मुजफ्फरपुर रेप कांड को लेकर भी सरकार सख्त है और दोषी किसी भी कीमत पर बख्शे नहीं जाएंगे। सुमन ने कहा कि  लालू-राबड़ी शासनकाल में अपराधी कानून को ठेंगे पर रख कर कोहराम मचाते थे और प्रदेश की जनता डरी-सहमी रहती थी। कुचर्चित शिल्पी जैन रेप व मर्डर से लेकर आईएएस की पत्नी चम्पा विश्वास बलात्कार कांड की यादें आज भी लोग नहीं भूले हैं। एनडीए सरकार को आरोपित करने से पहले तेजस्वी यादव को एक बार भय व दहशत  के उन गुजरे दौर को भी याद कर लेना चाहिए, जिसके स्मरण मात्र से आज भी लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं।

सुमन ने कहा की यह बदला हुआ बिहार है। डबल इंजन की सरकार है। विकास की बहार है। एक दौर वह भी था। जब केवल अपराध,अपहरण की वजह से ही नहीं बल्कि गड्ढेनुमा सड़कों की वजह से भी बिहार की छवि बदनाम थी। तब बिहार में दूरी का आकलन किलामीटर के आधार पर नहीं, एक से दूसरी जगह पहुंचने में लगने वाले घन्टों से होता था...क्योंकि वह दौर बिहार के अविकास और पिछड़ेपन का था। कहा की आज दौर बदल चुका है। सहज आवाजाही के लिए अच्छी व मजबूत सड़कें सरकार की प्राथमिकता में है।