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Bihar News: बिहार सरकार के इस विभाग का आधिकारिक वेबसाइट हुआ हैक, साइबर अपराधियों ने बदला नाम, मचा हड़कंप

Bihar News: साइबर अपराधियों ने इस बार बिहार सरकार के विभाग को निशाने पर लिया है। साइबर अपराधियों ने बिहार सरकार के इस विभाग का ऑफिशियल वेबसाइट को हैक कर लिया है।

साइबर हैक
official X account hacked - फोटो : social media

Bihar News:  साइबर अपराधियों का आतंक देशभर में बढ़ गया है। साइबर अपराधी कई संगीन आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। आम तो आम साइबर अपराधी अब खास लोगों को भी नहीं छोड़ रहे हैं। इस बार तो साइबर ठगों के निशाने पर बिहार सरकार ही आ गया है। साइबर अपराधियों ने बिहार सरकार के आधिकारिक वेबसाइट को हैक कर लिया। यही नहीं साइबर अपराधियों ने वेबसाइट का नाम बदलकर इसे  जर्मनी के राष्ट्रपति के नाम पर कर दिया।  

जल संसाधन विभाग का अकाउंट हैक 

दरअसल, बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग का आधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट साइबर अपराधियों द्वारा हैक कर लिया गया है। हैकरों ने इसे जर्मनी के राष्ट्रपति के नाम में बदल दिया। इस घटना के बाद विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने नागरिकों, मीडिया संस्थानों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं से भ्रामक खबरों पर विश्वास न करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि विभाग अपने सोशल मीडिया हैंडल की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह गंभीर है।

X अकाउंट का छह बार बदला गया नाम

जल संसाधन विभाग का X अकाउंट कुछ दिन पहले अज्ञात साइबर अपराधियों द्वारा हैक कर लिया गया था। विभाग ने तुरंत इसकी सूचना X की सपोर्ट टीम और बिहार पुलिस के साइबर सेल को दी। लेकिन पिछले कुछ दिनों में हैकर छह बार अकाउंट का नाम और हैंडल बदल चुका है।

जर्मनी के राष्ट्रपति का नाम देने की खबर भ्रामक

कुछ मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया कि जर्मनी के राष्ट्रपति फ्रैंक-वाल्टर स्टाइनमायर का आधिकारिक X अकाउंट हैक कर उसे जल संसाधन विभाग, बिहार सरकार का नाम दे दिया गया। लेकिन विभाग ने इस खबर को गलत बताया है। असल में विभाग का ही X अकाउंट हैक हुआ है, जिसे हैकर बार-बार नया नाम और हैंडल दे रहे हैं।

X सपोर्ट टीम से अकाउंट बहाल करने का अनुरोध

विभाग ने अकाउंट हैक होने के अगले ही दिन X की सपोर्ट टीम से इसे बहाल करने का अनुरोध किया। टीम ने कार्रवाई करते हुए अकाउंट का नाम बदलकर दोबारा "जल संसाधन विभाग, बिहार सरकार" कर दिया है। हालांकि, अब तक X की ओर से कोई आधिकारिक ईमेल विभाग को प्राप्त नहीं हुआ है। सरकार और साइबर सुरक्षा एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं, ताकि अकाउंट की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।


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