Bihar Politics: बिहार में नई सरकार के गठन की उलटी गिनती शुरू! बीजेपी में जोरदार हलचल, बड़े फैसलों की तैयारी
Bihar Politics: बिहार मेंनई सरकार बनाने की तैयारी तेज हो गई। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के आवास पर बीजेपी नेताओं की बैठक में मंत्रिमंडल गठन और संभावित चेहरों पर मंथन हुआ।
Bihar Politics: बिहार चुनाव के नतीजों के बाद पटना में राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और इस बार बीजेपी सत्ता निर्माण की मुख्य धुरी के रूप में उभरकर सामने आई है। पार्टी का प्रदर्शन मजबूत रहा है, जिससे गठबंधन में उसकी भूमिका पहले से अधिक प्रभावशाली हो गई है।
भाजपा रणनीति सम्राट चौधरी आवास मीटिंग
सरकार बनने से पहले सबसे अहम चरण मंत्रिमंडल का गठन है। इसी मुद्दे पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के 5, देशरत्न मार्ग स्थित आवास पर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में बीजेपी के वरिष्ठ नेता शामिल हुए, जिनकी मौजूदगी से यह साफ संकेत मिला कि पार्टी कोई भी निर्णय जल्दबाजी में या जोखिम उठाकर नहीं लेना चाहती। उनका उद्देश्य ऐसी टीम तैयार करना है जो प्रशासनिक क्षमता, राजनीतिक अनुभव और अगले चुनावों की रणनीति—दोनों के अनुरूप हो।
बिहार बीजेपी कैबिनेट फॉर्मेशन एजेंडा
सूत्र बताते हैं कि मंत्रिमंडल के गठन पर चर्चा करते समय पार्टी ने कई बिंदुओं पर विचार किया। प्रमुख ध्यान उन नेताओं पर है जिन्होंने पिछले कार्यकाल में मजबूत भूमिका निभाई है। इसके साथ ही जातीय संतुलन एक अनिवार्य पहलू माना जा रहा है, क्योंकि बिहार की राजनीति लंबे समय से सामाजिक समीकरणों पर आधारित रही है। पार्टी चाहती है कि सभी प्रमुख समुदायों की उपस्थिति नए मंत्रिमंडल में दिखाई दे।
बिहार शपथ ग्रहण समारोह तैयारी
शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां भी इसी बैठक का हिस्सा रहीं। माना जा रहा है कि इस बार कार्यक्रम बड़ा और प्रभावशाली होगा, जिसमें केंद्र के कई वरिष्ठ नेताओं और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी देखी जा सकती है। इससे पार्टी अपने केंद्र–राज्य सहयोग के मॉडल को मजबूती से प्रस्तुत करना चाहती है।
भाजपा विधानमंडल दल की बैठक 19 नवंबर
बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने 19 नवंबर को विधानमंडल दल की बैठक तय की है। इसी बैठक में विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इसके साथ ही उपनेता और उपमुख्यमंत्री का नाम भी सामने आएगा। यह निर्णय आने वाले वर्षों की प्रशासनिक दिशा और राजनीतिक समीकरणों को निर्धारित करेगा।
राजनाथ सिंह पर्यवेक्षक बिहार राजनीति
इस बात की संभावना है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पर्यवेक्षक के रूप में भेजा जाएगा। उनका शांत और संतुलित स्वभाव पार्टी को यह भरोसा देता है कि नेतृत्व चयन बिना किसी आंतरिक तनाव के संपन्न होगा। उनके आने का अर्थ है कि बीजेपी इस बार नेतृत्व के सवाल पर पूरी सावधानी से आगे बढ़ने वाली है।
बिहार बीजेपी की सरकार की रणनीति
पार्टी के अंदर जो तस्वीर उभरती दिख रही है, वह अनुभव और ऊर्जा का संयोजन है। नई सरकार में ऐसे चेहरों को शामिल करने का प्रयास होगा जो प्रशासनिक रूप से सक्षम हों और जनता के साथ सीधे संवाद की क्षमता रखते हों। साथ ही जातीय प्रतिनिधित्व पर विशेष ध्यान देकर सरकार को संतुलित और सर्वसमावेशी बनाने की दिशा में तैयारी जारी है।