PATNA : सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना "हर घर नल का जल" के क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने पर लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा कार्रवाई करते हुए 04 कार्यपालक अभियंताओं को प्रशासनिक दृष्टीकोण से स्थान्तरित करने का निर्णय लिया गया है। इसके अतिरिक्त दो कार्यपालक अभियंताओं को निलंबित किया गया है। यह कार्रवाई उन अधिकारियों पर की गई है, जिन्होंने राज्यव्यापी अभियानों के दौरान लगातार खराब प्रदर्शन किया है।
ज्ञातव्य है की मुख्य सचिव के निर्देश दिनांक 21-02-2025 एवं दिनांक 21-22 नवम्बर में अभियान चलाकर PAYJAL APP के माध्यम से जिला प्रशासन द्वारा जलापूर्ति योजनओं की जाँच कराई गई थी।विगत सप्ताह राज्यव्यापी अभियान में 22,800 से अधिक योजनाओं का निरीक्षण किया गया था जिनमे से 21,043 योजनाएं चालू पायीं गईं थीं, साथ ही 1,500 से अधिक योजनाओं को 48 घंटे के भीतर मरम्मत कर चालू करवा लिया गया है , इस प्रकार मरम्मति के उपरांत 97% योजनाएं पूर्ण रूप से चालू पायीं गईं।
प्रधान सचिव, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा बताया गया की "जलापूर्ति योजनाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं है। विभाग 'हर घर नल का जल' योजना को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इसके क्रियान्वयन में किसी भी स्तर पर लापरवाही पर संवेदकों एवं पदाधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। विभाग द्वारा कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों एवं संवेदकों पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।"
वर्तमान कारवाई कार्यपालक अभियंता (असैनिक), किशनगंज, कार्यपालक अभियंता (असैनिक) झंझारपुर, कार्यपालक अभियंता (असैनिक) बांका एवं कार्यपालक अभियंता (असैनिक) सीवान पर की गई है। विदित हो कि विगत वर्ष भी नवंबर में जलापूर्ति योजनाओं के निरीक्षण हेतु राज्यव्यापी अभियान चलाया गया था, जिसमें 1,17,000 से अधिक योजनाओं का निरीक्षण किया गया था , जिन अधिकारियों के क्षेत्र में खराब प्रदर्शन पाया गया था, उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई थी एवं संवेदकों पर दो करोड़ रुपये (₹2,00,00,000) से अधिक का दंड भी लगाया गया है । साथ ही गंभीर रूप से 'हर घर नल का जल' में लापरवाही बरतने पर कई संवेदकों पर कारवाई करते हुए उन्हें निविदा में भाग लेने से वंचित एवं काली सूची में डालने का निर्णय लिया गया था । संवेदकों द्वारा बंद योजनाओं को विभाग द्वारा निर्धारित अवधि में चालू नहीं करने पर संवेदक पर 2,000 रुपये प्रति दिन अर्थदण्ड भी लगाया जा रहा है।
राज्यव्यापी सर्वेक्षण के क्रम में अक्रियाशील पाए गये गृह जल संयोजन की मरम्मति एवं छूटे हुए घरों में जलापूर्ति सुनिश्चित कराते हुए अब तक 14,21,234 से अधिक घरों में गृह जल संयोजन कर नल का जल पहुँचाया जा चुका है एवं 'हर घर नल का जल' संरचनाओं का सुदृढ़ीकरण पीसा-100 (PayJal Infrastructure Strengthening Abhiyan -100 Days) के तहत कराया जा रहा है।
पटना से नरोत्तम की रिपोर्ट