Bihar NDA Seat Sharing:बिहार में एनडीए सीट बंटवारे की जटिल कवायद के बीच बिहार की राजनीति में नया मोड़, चिराग पासवान और प्रशांत किशोर के बीच गठबंधन की अटकलें तेज

बिहार की राजनीतिक हवा में अचानक बदलाव देखने को मिल रहा है। विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनता दल (एलजेपी-आर) के अध्यक्ष चिराग पासवान और रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बीच गठबंधन को लेकर चर्चा तेज हो गई है।..

Bihar NDA Seat Sharing
चिराग पासवान और प्रशांत किशोर के बीच गठबंधन की अटकलें तेज- फोटो : social Media

Bihar NDA Seat Sharing: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में चल रहे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के अंदर चुनाव की घोषणा के बाद सीट बंटवारे की कवायद तेज हो गई है। बीजेपी के पार्टी प्रभारी विनोद तावड़े और चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) अध्यक्ष नीतीश कुमार के साथ बैठकों और रणनीति मंथन में जुटे हैं। उनका लक्ष्य है कि सहयोगी नेताओं से मुलाकात कर सीटों का ऑफर देकर उनकी प्रतिक्रिया का आकलन किया जाए।

चुनाव का पहला चरण 10 अक्टूबर से शुरू होने वाला है, इसलिए आज और कल दोनों दिन कई राउंड की बैठक और मुलाकात होने की संभावना है। सूत्रों के मुताबिक, चिराग पासवान 30 सीटों और जीतनराम मांझी 15 सीटों की मांग कर रहे हैं, लेकिन 243 सीटों के कुल ढांचे में इन दोनों को 45 सीटों से अधिक मिलना मुश्किल लगता है। वहीं बीजेपी और जेडीयू 100 से कम सीटें नहीं लड़ेंगी, और इसमें नीतीश कुमार को भाजपा से कम से कम एक सीट ज्यादा चाहिए।

केंद्रीय मंत्री और एलजेपी-आर नेता चिराग पासवान ने दिल्ली में भाजपा नेताओं से मुलाकात की, जिसमें सीटों का ऑफर दिया गया और प्रतिक्रिया पर विचार किया गया। इससे पहले हम के नेता और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने कहा था कि अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है, लेकिन 8-9 अक्टूबर तक बातचीत और 12 अक्टूबर तक सब साफ हो जाएगा।

विशेषज्ञ मानते हैं कि चिराग और मांझी के बयानों का अर्थ यह भी है कि असली सीट शेयरिंग बातचीत अब प्रारंभ होगी, और इससे पहले किए गए बयानवीरों के जरिए दबाव केवल रणनीतिक स्तर पर था। इसका मकसद यह है कि जब पार्टी प्रमुख से सीटों के मोल-भाव शुरू हों तो दोनों पक्ष के नेता पहले से तैयारी में रहें।

बीजेपी ने भी 25 सितंबर को धर्मेंद्र प्रधान को चुनाव प्रभारी नियुक्त किया, और वे पिछले दो दिनों से पार्टी के अंदर सक्रियता बढ़ाकर सहयोगी दलों से बातचीत और रणनीति निर्माण में जुटे हैं। अब एनडीए के अंदर सीटों की अंतिम रचना तय करने के लिए नेताओं के बीच सियासी मंथन और राउंड-टू-राउंड चर्चा जारी है, जो अगले कुछ दिनों में बिहार विधानसभा चुनाव की राजनीतिक तस्वीर पर निर्णायक प्रभाव डालेगी।

बिहार की राजनीतिक हवा में अचानक बदलाव देखने को मिल रहा है। विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनता दल (एलजेपी-आर) के अध्यक्ष चिराग पासवान और रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बीच गठबंधन को लेकर चर्चा तेज हो गई है। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि यह कदम बिहार के सामाजिक और जातीय समीकरणों को ध्यान में रखकर लिया जा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक, चिराग पासवान फिलहाल एनडीए के भीतर सीट बंटवारे और अपने प्रभाव क्षेत्र की सुरक्षा को लेकर विचार कर रहे हैं। हालांकि, बीजेपी और जेडीयू के साथ बातचीत के दौरान दोनों पक्षों के बीच असंतोष और सीटों को लेकर दबाव देखा गया है। ऐसे में चिराग पासवान के लिए प्रशांत किशोर के नेतृत्व में गठबंधन की संभावना राजनीति में नई हलचल पैदा कर सकती है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह गठबंधन बनता है, तो यह बिहार में नए राजनीतिक समीकरण और चुनावी रणनीति को प्रभावित करेगा। इसका प्रभाव केवल सीट बंटवारे पर ही नहीं, बल्कि मतदाता, युवा और पिछड़े वर्ग के वोट बैंक पर भी देखने को मिलेगा। राजनीतिक हलकों में यह भी चर्चा है कि प्रशांत किशोर के नेतृत्व में गठबंधन से चिराग का निजी प्रभाव और राजनीतिक दांव मजबूत हो सकता है।

हालांकि, अभी तक इस विषय पर कोई अधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन दोनों पक्षों के बीच लगातार बैठक और रणनीति मंथन जारी है। इसके अलावा, बिहार के लोकल मुद्दों और जातीय समीकरणों को लेकर भी कई विश्लेषक यह मान रहे हैं कि गठबंधन का असर चुनावी नतीजों पर निर्णायक हो सकता है।