Bihar Mining Scandal: बिहार के इन 4 बालू घाट संचालकों पर लगाया करोड़ों का जुर्माना, खनन पदाधिकारी पर भी गिरी गाज, मंत्री विजय सिन्हा की बड़ी कार्रवाई

Bihar Mining Scandal: बिहार सरकार के खनन मंत्री विजय सिन्हा ने अवैध बालू खनन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। बिहार के 4 बालू घाटों पर करोड़ों का जुर्माना लगाया गया है। साथ ही खनन पदाधिकारी पर भी कार्रवाई की गई है।

विजय सिन्हा
Bihar Sand Scam- फोटो : social media

Bihar Mining Scandal:  बिहार में अवैध बालू खनन के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। अवैध बालू का खनन करने वाले या फिर धंधेबाजों की मदद करने वाले अधिकारियों पर भी सरकार के द्वारा कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में खनन पदाधिकारी पर गाज गिरी है। विभाग ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है। साथ ही गया के 4 बालू घाट संचालकों पर  30.69 करोड़ का जुर्माना खनन विभाग ने लगाया है। दरअसल, गया जिले के चार बालू घाट संचालकों से दो साल पुराने एक मामले में सरकार अब ₹30.69 करोड़ की जुर्माना राशि वसूलेगी। 

खनन पदाधिकारी खिलाफ विभागीय कार्रवाई 

इस बात की जानकारी बिहार सरकार के खान एवं भूतत्व मंत्री व उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने सोमवार को विभागीय प्रेस वार्ता में दी। साथ ही जुर्माने की राशि को मनमाने ढंग से घटाकर ₹33 लाख तक सीमित करने वाली निलंबित जिला खनन पदाधिकारी निधि भारती के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की भी घोषणा की गई है।

किन घाटों पर कितनी राशि का जुर्माना?

खान आयुक्त की अदालत द्वारा स्वतः संज्ञान लेकर 2023 में की गई जांच में पाया गया कि गया जिले के चार बालू क्लस्टरों खिजरसराय, बैजूधाम, बनाही-महुआमा और विष्णुबिगहा में व्यापक अनियमितताएं हुई थीं। इसके आधार पर इन घाटों के संचालकों पर जुर्माना लगाया गया। इन घाट संवेदकों द्वारा पटना हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं को अदालत ने खारिज कर दिया, जिससे विभागीय कार्रवाई को वैधता प्राप्त हुई।

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इन घाट संचालकों  पर लगा जुर्माना 

मेसर्स जय भगवती माइंस (खिजरसराय घाट) : ₹19.35 करोड़

रंजीत कुमार (बैजूधाम घाट) : ₹8.14 करोड़

मेसर्स मलिक ट्रांसपोर्ट (बनाही और महुआमा घाट) : ₹3.28 करोड़

रामजी प्रसाद सिन्हा (विष्णुबिगहा घाट) : ₹48.83 लाख

खनन पदाधिकारी पर गंभीर आरोप

मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने खुलासा किया कि उस समय की गया की जिला खनिज विकास पदाधिकारी निधि भारती ने 2023 में मानसून के बाद भारी जुर्माना राशि को आश्चर्यजनक रूप से घटाकर सिर्फ ₹33 लाख कर दिया। इस संशोधन को सरकार ने नियमों की खुली अवहेलना और राजस्व हानि की दृष्टि से गंभीर माना है। नवम्बर 2024 में इस मामले के संज्ञान में आते ही खन निदेशक की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था, जिसने दिसंबर 2024 में रिपोर्ट सौंप दी। रिपोर्ट में निधि भारती की भूमिका पर सवाल उठाए गए और अब उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

नियमों का उल्लंघन करने वालें के खिलाफ होगी कार्रवाई 

विजय कुमार सिन्हा ने कहा, कि "सरकार खनन क्षेत्र में पारदर्शिता लाने और अनियमितताओं पर अंकुश लगाने के लिए प्रतिबद्ध है। नियमों का उल्लंघन करने वाले किसी भी अधिकारी या संचालक को बख्शा नहीं जाएगा।"

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