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Bihar Teacher Transfer: सबसे पहले इन शिक्षकों का होगा तबादला, इस नंबर को देखते ही DEO करेंगे स्कूल का आवंटन...

Bihar Teacher Transfer: शिक्षा विभाग की इस नई कोडिंग प्रक्रिया से ट्रांसफर में पारदर्शिता और सुव्यवस्था बनी रहेगी। DEO और शिक्षा विभाग की सहमति से शिक्षकों का तबादला किया जाएगा।

शिक्षकों का तबादला
First suffering from cancer will be transferred- फोटो : social media

Bihar Teacher Transfer: बिहार के शिक्षक अपने ताबादले का बेसब्री से इंतेजार कर रहे हैं। शिक्षा विभाग द्वारा ताबादले के लिए जारी आदेश के बाद मात्र 15 दिन में 1 लाख 90 हजार शिक्षकों ने ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए आवेदन दिया था। जिसके बाद शिक्षा विभाग ने 4 चरणों में सभी शिक्षकों का तबादला करने की बात कही। हालांकि पहले चरण में मात्र 35 शिक्षकों का ही तबादला हुआ। इसके बाद से ही शिक्षक तबादले का इंतेजार कर रहे थे। वहीं इसी बीच बड़ी खबर सामने आ रही है। मिली जानकारी अनुसार शिक्षा विभाग फरवरी के अंतिम सप्ताह से एक बार फिर ट्रांसफर पोस्टिंग की प्रक्रिया शुरु करने जा रही है। इस बार शिक्षा विभाग शिक्षकों का तबादला कोड के जरिए करेगा। साथ ही इस बार ट्रांसफर शिक्षा विभाग और जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ) की आपसी सहमति से किया जाएगा।            

शिक्षकों के ट्रांसफर की प्रक्रिया फिर से शुरू होगी

जानकारी अनुसार शिक्षा विभाग में शिक्षकों के ट्रांसफर की प्रक्रिया फरवरी के अंतिम सप्ताह से दोबारा शुरू होने जा रही है। ताबदले के लिए मुख्यालय से शिक्षकों के नामों की जगह कोडिंग करके ट्रांसफर लिस्ट डीईओ कार्यालय को भेजी जाएगी। इसके बाद डीईओ को कोडिंग के आधार पर स्कूल आवंटित करने होंगे और फिर उस सूची को मुख्यालय में ईमेल किया जाएगा। इसके बाद ही ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी मानी जाएगी।

कैंसर पीड़ित शिक्षकों को प्राथमिकता

पहली लिस्ट में कैंसर पीड़ित शिक्षकों का ट्रांसफर किया जाएगा। इसके लिए कैंसर की श्रेणी तय की जाएगी और रिपोर्ट एवं डॉक्टर की पर्ची की जांच की जाएगी। पहले प्राइवेट डॉक्टर या अस्पताल से इलाज कराने वाले शिक्षकों के ट्रांसफर पर रोक थी और केवल सरकारी अस्पताल की रिपोर्ट मान्य थी। लेकिन अब अपर शिक्षा सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने निर्देश दिए हैं कि चाहे इलाज प्राइवेट हो या सरकारी, दोनों की रिपोर्ट मान्य होगी। इसके बाद सभी आवेदनों पर विचार किया जाएगा।

गोपनीयता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उपाय

डीईओ के पास जो शिक्षकों की सूची जाएगी। उसमें केवल कोड लिखा होगा। शिक्षकों का नाम शामिल नहीं होगा। इससे डीईओ को यह पता नहीं चलेगा कि वह किस शिक्षक को विद्यालय आवंटित कर रहे हैं। पूरी तबादला प्रक्रिया सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑटोमेटेड तरीके से की जाएगी। जिससे पारदर्शिता और भेदभाव रहित आवंटन सुनिश्चित हो सकेगा। डीईओ शिक्षकों को उनके द्वारा दिए गए विकल्पों और निकाय एवं पंचायत के रिक्त पदों के आधार पर विद्यालय आवंटित करेंगे। डीईओ द्वारा अनुशंसा किए जाने के बाद शिक्षा विभाग की समिति अंतिम निर्णय लेगी। इसके बाद तबादले की सूचना संबंधित शिक्षकों को भेज दी जाएगी।

तबादले की चार श्रेणियां और बड़ी संख्या में आवेदन

शिक्षा विभाग ने तबादलों के लिए चार श्रेणियां निर्धारित की हैं। कुल 1 लाख 90 हजार शिक्षकों ने तबादले के लिए आवेदन किया है। जिनमें से 35 शिक्षकों का तबादला पहले ही किया जा चुका है। शेष आवेदनों के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। तबादले के लिए शिक्षा विभाग को 1.90 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं। जिसमें कैंसर रोगी: 60 शिक्षक, गंभीर बीमारी से ग्रसित: 2579 शिक्षक, पति-पत्नी के आधार पर: 16356 शिक्षक, दिव्यांगता: 5575 शिक्षक, मानसिक दिव्यांगता: 1557 शिक्षक, विधवा और तलाकशुदा: 1338 शिक्षक और घर के पास ट्रांसफर: सबसे अधिक 162167 शिक्षकों ने आवेदन किए हैं।   

ट्रांसफर प्रक्रिया के लिए 16 अधिकारियों की टीम

ट्रांसफर की प्रक्रिया को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए 16 अधिकारियों की टीम बनाई गई है। इन्हें एक सप्ताह पहले एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया था, जिसमें आवेदन की जांच, ट्रांसफर की श्रेणियां, स्कूल चयन और अन्य प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी दी गई। प्रशिक्षण के बाद अधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, जिनमें ट्रांसफर, पोस्टिंग और ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर जांच शामिल हैं।

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