बिहार बार काउंसिल के सभागार में भाजपा के विधि प्रकोष्ठ का संवाद, संविधान संशोधन विधेयक को बताया देश के लिए जरुरी

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Patna - बिहार बार काउंसिल भवन स्थित ब्रजकिशोर मेमोरियल सभागार में भारतीय जनता पार्टी विधि प्रकोष्ठ बिहार द्वारा प्रबुद्ध संवाद का आयोजन किया गया। विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक विंध्याचल राय की अध्यक्षता में ये आयोजन संपन्न हुआ।  इस संवाद का मुख्य विषय राजनीतिक सुचिता एवं प्रस्तावित संविधान संशोधन था।

इस अवसर पर मुख्य रूप से भारत सरकार के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल डॉ के.एन. सिंह, भाजपा विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक विंध्याचल राय, बिहार स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष रमाकांत शर्मा, विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश प्रभारी अवधेश पांडे तथा वरीय अधिवक्ता हरेंद्र प्रताप सिंह सहित विधि प्रकोष्ठ के सभी सम्मानित पदाधिकारी एवं सैकड़ों अधिवक्ता उपस्थित रहे । 

प्रदेश संयोजक विंध्याचल राय ने  अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि “यह विधेयक पारदर्शिता और नैतिकता स्थापित करने का प्रयास है, ताकि लोकतंत्र की मजबूती हो ।  हमें अपने नैतिक मूल्यों के स्तर को नीचे नहीं गिरने देना चाहिए।   भारतीय जनता पार्टी विधि प्रकोष्ठ का दायित्व है कि वह समाज को न्याय दिलाने के साथ-साथ लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा भी करे।

असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल डॉ. के.एन. सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि “किसी प्रधानमंत्री, मंत्री और मुख्यमंत्री का जेल से सरकार चलाना देश के लोकतंत्र के लिए अपमानजनक है ।  इस संविधान संशोधन में यह प्रावधान किया गया है कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, भारत सरकार के मंत्री या राज्य सरकार के मंत्री किसी भी गंभीर आरोप में अगर गिरफ्तार होते हैं और 30 दिन तक उन्हें ज़मानत नहीं मिलती है ,तो उन्हें उनके पद से मुक्त कर दिया जाएगा।

बिहार स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष रमाकांत शर्मा ने कहा कि संवैधानिक दायरे में किसी बिल के खिलाफ विचार व्यक्त करने और उसके खिलाफ वोट का अधिकार है, लेकिन सदन न चलने देने की मानसिकता सही नहीं है ।  लोकतंत्र की मजबूती के लिए सकारात्मक विमर्श आवश्यक है ।

वरीय अधिवक्ता हरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि “हमें अपने नैतिक मूल्यों को सर्वोपरि रखना होगा ।  राजनीति में सुचिता और पारदर्शिता लोकतंत्र की आत्मा है और यह अधिवक्ताओं की जिम्मेदारी है कि वे समाज में इस जागरूकता को फैलाएँ। 

अधिवक्ताओं से अपेक्षा की गई कि वे केवल न्यायालयों तक ही अपनी भूमिका सीमित न रखें, बल्कि समाज के बीच जाकर भी न्याय और नैतिकता की अलख जगाएँ ।   विधि प्रकोष्ठ का उद्देश्य है कि अधिवक्ता समाज में विधिक जागरूकता फैलाएँ, युवाओं को संविधान के प्रति संवेदनशील बनाएँ और लोकतंत्र की मूल भावना को जन-जन तक पहुँचाएँ । 

कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्रकोष्ठ के राकेश ठाकुर द्वारा किया गया।