70TH BPSC: बिहार की राजधानी पटना में एक बार फिर 70वीं बीपीएससी अभ्यर्थियों का विरोध प्रदर्शन जारी है। बीपीएससी अभ्यर्थियों के साथ खान सर भी पटना की सड़कों पर उतर गए हैं। वहीं अभ्यर्थियों के हंगामे को देखते हुए जदयू प्रदेश कार्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। दरअसल, जदयू कार्यालय में आज जननायक कर्पूरी ठाकुर की 37वीं पुण्यतिथि पर कर्पूरी परिचर्चा का आयोजन किया गया था। वहीं इसी आयोजन को लेकर सभी नेता कार्यालय में मौजूद हैं ऐसे में जदयू कार्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
जदयू कार्यालय की सुरक्षा बढ़ी
बता दें कि पटना में खान सर के नेतृत्व में छात्र आंदोलन कर रहे हैं। खान सड़क पैदल मार्च कर गर्दनीबाग धरना स्थल पहुंचे हैं। खान सर का दावा है कि उनके पास सबूत है और अब बीपीएससी को री एग्जाम लेना ही होगा। वहीं छात्रों के आंदोलन को लेकर जदयू कार्यालय के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वहीं दूसरी ओर जदयू कार्यालय में कर्पूरी जयंती के अवसर पर जेडीयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, मंत्री बिजेंद्र यादव, मंत्री श्रवण कुमार, मंत्री शीला मंडल, जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव मनीष वर्मा, पूर्व सांसद चंदेश्वर चंद्रवंशी, जेडीयू नेता श्याम रजक सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता उपस्थित हैं।
जदयू कार्यालय में मनाया जा रहा कर्पूरी जयंती
कार्यक्रम में जेडीयू नेताओं ने जननायक कर्पूरी ठाकुर के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया। इसके साथ ही जेडीयू कार्यालय में "कर्पूरी ठाकुर की पुकार है, नीतीशे कुमार है" पुस्तक का विमोचन भी किया गया। वहीं अभ्यर्थियों के आंदोलन को देखते हुए जदयू प्रदेश कार्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। BPSC अभ्यर्थियों को द्वारा रीएग्जाम को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है।
खान सर का बड़ा खुलासा
मालूम हो कि बीते दिन खान सर ने दावा किया था कि उनके हाथ ऐसा सबूत लगा है जिसको देखकर कोर्ट को री एग्जाम का फैसला लेना होगा। खान सर ने कहा था कि, “13 दिसंबर को परीक्षा हुई थी, और इसके लिए तीन सेट बनाए गए थे। यह इसलिए किया गया था ताकि अगर एक सेट में कोई गड़बड़ी हो, तो बाकी दो सेटों का इस्तेमाल किया जा सके। एक सेट का उपयोग करने के बाद बाकी दो सेटों को ट्रेजरी में जमा किया जाता है। हमने दो महीने तक ट्रेजरी से यह जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की कि क्या इन सेटों को 13 दिसंबर को सभी ट्रेजरी में सही तरीके से जमा किया गया था।”
खान सर का दावा – कोर्ट अब री-एग्जाम का आदेश देगा
खान सर ने आगे बताया, “हमें बाद में यह पता चला कि नवादा और गया की ट्रेजरी में प्रश्न सेट ही जमा नहीं किए गए थे। बापू परीक्षा परिसर में जो धांधली हुई थी, उसके कारण वहां करीब 5-6 हजार बच्चों का री-एग्जाम कराना पड़ा था। 4 जनवरी को जो दोबारा परीक्षा होनी थी, आयोग ने उनके लिए नए प्रश्न सेट भी नहीं बनाए थे। नवादा और गया की ट्रेजरी से जो प्रश्न पेपर गायब हो गए थे, वही पुराने पेपर फिर से थमा दिए गए। इसके कारण 13 दिसंबर को जो परीक्षा हुई, उसमें सिर्फ 6 प्रतिशत बच्चे पास हुए, जबकि 4 जनवरी को हुई परीक्षा में 19 प्रतिशत बच्चे पास हुए।” उन्होंने यह भी कहा, “अब हमारे पास ऐसा महत्वपूर्ण सबूत है, जिससे हाई कोर्ट में हमारी जीत तय है। अब कोर्ट री-एग्जाम का आदेश देगा।”