ब्रह्मर्षि स्वाभिमान सम्मेलन में भूमिहार समाज का होगा महाजुटान, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता मृणाल माधव की बड़ी अपील
लखीसराय के बड़हिया निवासी तथा सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील मृणाल माधव ने रविवार को ब्रह्मर्षि स्वाभिमान सम्मेलन को लेकर सभी से इसमें शामिल होने की अपील की. उन्होंने कहा कि 17 अगस्त को भूमिहार समाज के सभी लोग इसमें शामिल हों.

Bihar News: बिहार के ब्रह्मर्षि समाज का उचित सियासी और सामाजिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने तथा राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ श्रीकृष्ण बाबू को भारत रत्न दिलाने की मांग को लेकर ब्रह्मर्षि स्वाभिमान सम्मेलन का आयोजन 17 अगस्त को किया जा रहा है. पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित सम्मलेन के आयोजन परबत्ता विधायक डॉ संजीव कुमार हैं. सम्मेलन में बिहार के सभी जिलों के ब्रह्मर्षि समाज के प्रमुख गणमान्य लोग शामिल हो रहे हैं.
लखीसराय के बड़हिया निवासी तथा सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील मृणाल माधव ने रविवार को ब्रह्मर्षि स्वाभिमान सम्मेलन को लेकर सभी से इसमें शामिल होने की अपील की. उन्होंने कहा कि 17 अगस्त को भूमिहार समाज के सभी लोग इसमें शामिल हों. पटना में भूमिहारों के स्वाभिमान के लिए यह आयोजन रखा गया है. उन्होंने कहा कि जब से डॉ संजीव से भूमिहारों के लिए आवाज उठाना शुरू किया है तब से उनकी मुश्किलें बढ़ाई जा रही है. हाल ही में उन्हें ईओयू ने नोटिस जारी किया. भूमिहार समाज इसका उचित जवाब 17 अगस्त को पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में देगा.
दरअसल, ब्रह्मर्षि स्वाभिमान सम्मेलन में कुल छह प्रमुख मांगे रखी गई हैं. इसमें बिहार केसरी (पूर्व मुख्यमंत्री, बिहार) डॉ श्रीकृष्ण सिंह जी को भारत रत्न मिले. EWS छात्रों को अन्य राज्यों के तर्ज पर No. Of Attempt एवं उम्र सीमा में छूट तथा बिहार के हर जिले में EWS छात्रावास की व्यवस्था हो. देश के सबसे बड़े किसान नेता स्वामी सहजानंद सरस्वती के नाम पर बिहटा एयरपोर्ट का नामाकरण किया जाए. . तमाम पौराणिक साहित्य के साथ प्रशासनिक अभिलेख में इस जाति का नाम "भूमिहार ब्राह्मण/बाभन" अंकित है। अतः भारत सरकार की तरफ से होने वाले जाति जनगणना में भूमिहार जाति को "भूमिहार ब्राह्मण/बाभन" हो अंकित किया जाए। बिहार सरकार द्वारा किए गए जातिगत जनगणना में भूमिहार जाति को केवल भूमिहार ना अंकित कर 'भूमिहार ब्राह्मण/बाभन" अंकित किया जाए।
मृणाल माधव ने कहा, हमारे पूर्वजों द्वारा दान की गई भूमि पर निर्मित शैक्षिणिक संस्थाओं का नामकरण हमारे पूर्वजों के नाम पर ही किया जाए। बेतिया स्थित मेडिकल कॉलेज का नाम पुनः महारानी जानकी कुवर मेडिकल कॉलेज किया जाए। वर्ष 2016 से राज्य की गैर मजरूआ खास और टोपो लैंड जमीन की बंदोबस्ती की नहीं होने के कारण किसानों को काफी परेशानी हो रही है। किसानों को अविलंब राहत देते हुए गैर मजरूआ खास और टोपो लैंड के रशीद काटने की व्यवस्था की जाए।
कमलेश की रिपोर्ट