Ritlal Yadav:RJDविधायक रीतलाल यादव के गांव में बुलडोजर का कहर, 17 अवैध दुकानें जमींदोज, सरकारी जमीन पर अतिक्रमण का खुलासा
Ritlal Yadav: विधायक रीतलाल यादव के गांव जिला प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर 17 अवैध दुकानों को ध्वस्त कर दिया। अतिक्रमण के पीछे विधायक रीतलाल यादव और उनके परिजनों का हाथ होने की बात सामने आई है।

Ritlal Yadav: पटना के दानापुर में राष्ट्रीय जनता दल के विधायक रीतलाल यादव के गांव कोथवां में गुरुवार को जिला प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर 17 अवैध दुकानों को ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह के निर्देश पर की गई, जिसमें 77 डिसमिल सरकारी जमीन पर अवैध अतिक्रमण को हटाया गया। स्थानीय लोगों के अनुसार, इस अतिक्रमण के पीछे विधायक रीतलाल यादव और उनके परिजनों का हाथ होने की बात सामने आई है, जिसने इस मामले को और सनसनीखेज बना दिया है।
जानकारी के मुताबिक, दानापुर-खगौल रोड के रिहायशी इलाके में सरकारी जमीन पर अवैध अतिक्रमण की शिकायत लबे समय से प्रशासन के पास थी। दानापुर अंचल में सर्किल ऑफिसर के नेतृत्व में अतिक्रमणवाद की प्रक्रिया शुरू की गई, जिसमें अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी किए गए। जांच में पाया गया कि कोथवां गांव में 77 डिसमिल सरकारी जमीन पर 17 दुकानें और अन्य निर्माण अवैध रूप से किए गए थे। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि इन निर्माणों के पीछे विधायक रीतलाल यादव और उनके करीबियों की सरपरस्ती थी।
गुरुवार को दानापुर के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट दिव्य शक्ति के नेतृत्व में प्रशासन की टीम ने कोथवां गांव में कार्रवाई शुरू की। दानापुर अंचलाधिकारी, खगौल थाना प्रभारी, और दानापुर नगर परिषद के सिटी मैनेजर के साथ भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच। पहले 17 अवैध दुकानों को बुलडोजर से ध्वस्त किया गया, और फिर शेष अतिक्रमित जमीन को पूरी तरह खाली कराया गया। इस कार्रवाई के दौरान किसी भी तरह के विरोध को रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन को बताया कि दानापुर क्षेत्र में कई जगहों पर सरकारी जमीन पर विधायक रीतलाल यादव की शह पर अवैध मकान और दुकानें बनाई गई हैं। कोथवां गांव में ध्वस्त की गई 17 दुकानों के पीछे भी विधायक और उनके परिजनों का हाथ होने का दावा किया जा रहा है। यह पहली बार नहीं है जब रीतलाल यादव विवादों में हैं। उनके खिलाफ पहले भी रंगदारी, हत्या, अपहरण, और उगाही जैसे 42 आपराधिक मामले दर्ज हैं, हालांकि किसी में भी सजा नहीं हुई है।
पटना डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने साफ किया कि सरकारी जमीन पर किसी भी तरह का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दानापुर एसडीएम दिव्य शक्ति को निर्देश दिया गया है कि वे क्षेत्र में अन्य अवैध निर्माणों की जांच करें। प्रशासन अब यह पता लगाने में जुटा है कि क्या कोथवां में अतिक्रमण के पीछे कोई संगठित नेटवर्क काम कर रहा है और क्या इसमें विधायक की भूमिका है। डीएम ने कहा, "नोटिस जारी करने के बाद भी अतिक्रमण नहीं हटाया गया, इसलिए कार्रवाई जरूरी थी।"
सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इतने बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण कैसे हो गए और प्रशासन को इसकी भनक पहले क्यों नहीं लगी? क्या इसके पीछे स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत थी? डीएम ने आश्वासन दिया है कि सभी पहलुओं की जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।