Bihar News : सहकारी संघ को 105 करोड़ ट्रांसफर कर प्रधानमंत्री ने जीविका दीदियों को दी सौगात : सम्राट चौधरी

Bihar News : सहकारी संघ को 105 करोड़  ट्रांसफर कर प्रधानमंत्

PATNA : बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि 105 करोड़ रुपये की राशि से बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड की स्थापना राज्य की 1 करोड़ 40 लाख से अधिक महिलाओं की आत्मनिर्भरता और सशक्तीकरण की दिशा में एनडीए सरकार की  ऐतिहासिक  पहल है। चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिस बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का शुभारंभ किया, उससे लघु एवं छोटे उद्योग से जुड़ी महिलाओं को कम व्याज पर कर्ज मिल सकेंगे। 

उपमुख्यमंत्री चौधरी ने कहा कि आज बिहार में 1 करोड़ 40 लाख से अधिक महिलाएं जीविका समूह से जुड़कर कुटीर उद्योग चला रही हैं और 56 हजार करोड़ रुपये का कारोबार कर रही हैं। उनकी मेहनत और उद्यमिता से राज्य के जीएसटी संग्रह में भी महत्वपूर्ण योगदान हो रहा है।  उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं छोटे व्यवसाय से लेकर उत्पादक कंपनियां स्थापित कर चुकी हैं। हालांकि अब तक अपने कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें दूसरे वित्तीय संस्थानों पर निर्भर रहना पड़ता था, जो ऊंची ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराते थे। सरकार की इस नई पहल से अब उन्हें कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध होगा।

चौधरी ने कहा कि 24 नवंबर 2005 को एनडीए सरकार बनने के बाद महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए। बिहार देश का पहला राज्य बना, जहां पंचायत चुनावों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण मिला। इसके अलावा पुलिस और शिक्षकों की भर्ती में भी महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया गया। आज बिहार देश में सबसे अधिक महिला पुलिस बल वाला राज्य है।

उन्होंने कहा कि बिहार में महिला शिक्षकों की संख्या भी दो लाख से ज्यादा है। हाल ही में सरकार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दो लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता देने की योजना भी शुरू की है, ताकि वे स्वरोजगार से जुड़ सकें और अपनी आजीविका को मजबूत बना सकें। चौधरी ने  कहा कि जब महिला मजबूत होगी तो पूरा परिवार और समाज मजबूत होगा। जीविका निधि के माध्यम से महिलाओं को सस्ता ऋण उपलब्ध कराना न केवल उनकी आर्थिक आजादी को सुनिश्चित करेगा, बल्कि उन्हें गांव-गांव में उद्यमिता और नेतृत्व की नई पहचान भी देगा।