CBI Raid In Bihar : केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने IAS अधिकारी कुमार राजीव रंजन के खिलाफ सर्च ऑपरेशन शुरू किया है। यह छापेमारी आय से अधिक संपत्ति के मामले में की जा रही है। CBI की टीम जम्मू, बनारस, पटना और गुरुग्राम समेत कई स्थानों पर बुधवार को तलाशी ली। सीबीआई ने आईएएस अधिकारी के कई ठिकानों पर छापेमारी कर सबूत जुटाने की कोशिश में जुटी है। इस कार्रवाई से इलाके में हड़कंप मच गया।
फर्जी गन लाइसेंस घोटाले में आया नाम
कुमार राजीव रंजन का नाम जम्मू-कश्मीर के बहुचर्चित फर्जी गन लाइसेंस घोटाले में सामने आया था। इस मामले में केंद्र सरकार ने उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी। CBI जांच में यह सामने आया था कि उन्होंने अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर पैसे के बदले अपात्र लोगों को गन लाइसेंस जारी किए। वह उन नौ IAS अधिकारियों में शामिल हैं, जिन पर इस घोटाले में संलिप्तता के आरोप लगे हैं।
क्या है फर्जी गन लाइसेंस घोटाला?
2012 से 2016 के बीच जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों में 2.74 लाख गन लाइसेंस जारी किए गए। CBI की जांच में पाया गया कि IAS और JKAS अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखकर, बंदूक विक्रेताओं और बिचौलियों से मिलीभगत कर लाइसेंस जारी किए। इस घोटाले में बड़े पैमाने पर पैसे का लेनदेन हुआ था।
कौन हैं कुमार राजीव रंजन?
2010 बैच के AGMUT कैडर के IAS अधिकारी हैं। राजीव रंजन मूल रूप से बिहार के निवासी हैं। उन्होंने भावे यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की डिग्री ली है। LBSNAA से ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग राजस्व विभाग में डिप्टी सेक्रेटरी के रूप में हुई थी। CBI उन्हें फर्जी गन लाइसेंस घोटाले में पहले भी गिरफ्तार कर चुकी है। इस मामले में CBI की कार्रवाई जारी है और आने वाले दिनों में और खुलासे हो सकते हैं।