बिहार विधानसभा के प्रवेश द्वार पर विपक्षी विधायकों और सुरक्षाकर्मियों में झड़प, धक्कामुक्की... CM नीतीश ने कहा- फालतू है
बिहार विधानसभा के प्रवेश द्वार पर सुरक्षाकर्मियों के साथ विपक्षी विधायकों की धक्कामुक्की जैसी नौबत आ गई. इससे कुछ समय तक भारी बवाल हुआ.

Bihar Vidhansabha : बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन बुधवार को सदन के प्रवेश द्वार पर काला कपड़ा पहनकर प्रदर्शन कर रहे विपक्षी विधायकों की सुरक्षाकर्मियों से जमकर बहसबाजी हुई. यहां तक कि सुरक्षाकर्मियों के साथ धक्कामुक्की जैसी नौबत आ गई. दरअसल, मतदाता पुनरीक्षण के विरोध सहित बिहार में बढ़ते अपराध और अन्य मुद्दों पर विपक्ष का प्रदर्शन पहले दिन से ही जारी है. बुधवार को भी विपक्ष का जब प्रदर्शन चल रहा था उसी दौरान एक सुरक्षाकर्मी द्वारा किसी विधायक को धक्का देने की बात आई. इसके बाद प्रदर्शन कर रहे विधायकों ने इसका जोरदार विरोध किया. कुछ समय के लिए सुरक्षाकर्मियों और विधायकों के बीच तनातनी बनी रही.
वहीं विधायकों द्वारा विधानसभा के मुख्य प्रवेश द्वार पर किये जा रहे प्रदर्शन के कारण सत्ता पक्ष के विधायकों को प्रवेश करने के लिए दूसरे द्वार का सहारा लेना. इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में प्रवेश करने के बाद विपक्ष के इस प्रदर्शन को फालतू बताया. उन्होंने विपक्ष के इस प्रकार के प्रदर्शन को फालतू कहते हुए ये बातें कही.
गौरतलब है कि बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र का दूसरा दिन हंगामे, उग्रता और शर्मनाक घटनाओं से इतिहास के काले पन्नों में दर्ज हो गया। लोकतंत्र का पवित्र मंदिर उस वक्त राजनीतिक अखाड़ा बन गया, जब विपक्षी विधायकों ने मर्यादा की तमाम सीमाएं लांघते हुए वेल में कूदकर उत्पात मचा दिया। राजद विधायक रणविजय साहू और विजय कुमार ने रिपोर्टर टेबल पलटने की कोशिश की, जबकि विधायक सतीश दास और सुरेंद्र राम को उनके साथी तीन बार रिपोर्टर टेबल पर चढ़ाने की कोशिश करते दिखे। हर बार मार्शलों ने उन्हें रोका, लेकिन सदन की गरिमा पहले ही वेल में धंस चुकी थी।
सदन की पहली पाली सिर्फ 22 मिनट और दूसरी 30 मिनट ही चल पाई। इस हंगामे के बीच 6 विधेयक पारित कर दिए गए—बिना किसी बहस या विचार-विमर्श के, जैसे लोकतंत्र महज़ खानापूरी बनकर रह गया हो।
रंजन की रिपोर्ट