SIR news: बिहार चुनाव से पहले वोटर लिस्ट पर घमासान, SIR पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई निर्णायक मोड़ पर, 65 लाख नाम हटाए जाने से मचा है बवाल, 12 अगस्त को होगी सुनवाई
SIR news: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची की शुद्धता को लेकर चल रहा विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अब कानूनी विवादों के घेरे में आ गया है। इस प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं की सुनवाई निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है।..

SIR news: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची की शुद्धता को लेकर चल रहा विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अब कानूनी विवादों के घेरे में आ गया है। इस प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं की सुनवाई निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने मंगलवार को सुनवाई की अगली तारीख 12 अगस्त तय करते हुए याचिकाकर्ताओं को 8 अगस्त तक अपनी लिखित दलीलें दाखिल करने का आदेश दिया है।
इस बीच कोर्ट ने SIR पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है, लेकिन चुनाव आयोग को यह सुझाव दिया है कि आधार और वोटर ID जैसे दस्तावेजों को मान्य प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जाए। इससे यह स्पष्ट संकेत मिला है कि कोर्ट फिलहाल हस्तक्षेप से बचते हुए संतुलन साधना चाहती है।
27 जुलाई को SIR के पहले चरण के आंकड़े जारी करते हुए चुनाव आयोग ने बताया कि अब तक 65 लाख नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए हैं, जिनमें:22 लाख लोग मृत पाए गए,36 लाख ने निवास स्थान बदल दिया है।
चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वस्त किया है कि बिना सुनवाई के किसी भी मतदाता का नाम सूची से नहीं हटाया जाएगा।
याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी और गोपाल शंकर नारायण ने दलीलें पेश करते हुए आरोप लगाया कि SIR की प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी की गई है
यह अभियान महिलाओं, गरीबों और अल्पसंख्यकों को मतदाता सूची से बाहर करने का माध्यम बन सकता है
अब यह मामला 12 और 13 अगस्त को फिर से सुप्रीम कोर्ट में सुना जाएगा, जहां यह तय हो सकता है कि SIR की प्रक्रिया कितनी वैध और निष्पक्ष है।
बिहार जैसे राजनीतिक रूप से संवेदनशील राज्य में यह मुद्दा चुनाव से पहले तूल पकड़ चुका है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला न सिर्फ राज्य के मतदाताओं के अधिकारों को प्रभावित करेगा, बल्कि देशभर में मतदाता सूची के सुधार की प्रक्रिया पर भी असर डाल सकता है।