Patna double decker bridge:पटना को ऐतिहासिक सौगात, बिहार का पहला डबल-डेकर पुल जनता को सीएम नीतीश करेंगे समर्पित, लाखों लोगों को ट्रैफिक जाम से मिलेगी निजात
Patna double decker bridge: राजधानीवासियों के लिए 11 जून 2025 एक ऐतिहासिक दिन बनने वाला है है। मुख्यमंत्री ने आज बिहार के पहले डबल-डेकर पुल को जनता को समर्पित करेंगे।

Patna double decker bridge: राजधानीवासियों के लिए 11 जून 2025 एक ऐतिहासिक दिन बनने वाला है है। मुख्यमंत्री ने आज बिहार के पहले डबल-डेकर पुल को जनता को समर्पित करेंगे। यह डबल-लेवल एलिवेटेड कॉरिडोर न केवल अशोक राजपथ पर ट्रैफिक की भीड़ को कम करेगा, बल्कि पटना मेट्रो प्रोजेक्ट और जेपी गंगा पथ से इसकी कनेक्टिविटी शहर के ट्रैफिक प्रबंधन को नई दिशा देगी।
कैसा है यह डबल-डेकर पुल?
यह पुल निचले डेक (टियर-1), ऊपरी डेक (टियर-2) और ग्राउंड लेवल (सर्विस रोड) के साथ एक तीन-स्तरीय ट्रैफिक सिस्टम का अनुभव देगा।टियर-1: पटना कॉलेज से बीएन कॉलेज के बीच 1.45 किलोमीटर लंबा।टियर-2: कारगिल चौक से पटना सायंस कॉलेज होते हुए शताब्दी द्वार तक 2.2 किलोमीटर लंबा।सर्विस रोड: निर्माण का 90% कार्य पूर्ण।
पुल की विशेषताएं और लाभ
यह अशोक राजपथ, पीएमसीएच, साइंस कॉलेज, पटना विश्वविद्यालय जैसे अत्यंत व्यस्त क्षेत्रों में ट्रैफिक दबाव को कम करेगा।जेपी गंगा पथ से सीधा लिंक, जिससे गांधी सेतु या कंकड़बाग की ओर से आने वाले वाहनों को मिलेगा नया वैकल्पिक मार्ग।पुल को बाकरगंज नाला सड़क, मल्टी-लेवल पार्किंग, और पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट से भी जोड़ा जाएगा।छात्र, मरीज, डॉक्टर, व्यापारी व आम नागरिक हर वर्ग को मिलेगा लाभ।
परियोजना की निगरानी और निर्माण:
पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने हाल ही में परियोजना का निरीक्षण किया था।उन्होंने कहा कि यह तकनीकी और निर्माणीय रूप से एक अत्याधुनिक परियोजना है।कारगिल चौक से साइंस कॉलेज तक की कनेक्टिविटी, शहर के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी।
अब पटना की पहचान बनेगा यह पुल:
यह पुल न सिर्फ एक ट्रैफिक परियोजना है, बल्कि शहर की एक नई पहचान बनने जा रहा है — तकनीक, प्रबंधन और सौंदर्य का संगम। राजधानी को पहली बार डबल-डेकर ट्रैफिक सिस्टम की सौगात मिली है, जो आने वाले समय में बिहार के अन्य शहरों के लिए भी मॉडल साबित हो सकता है।
बहरहाल डबल-डेकर फ्लाईओवर का यह ऐतिहासिक लोकार्पण पटना के इन्फ्रास्ट्रक्चर और स्मार्ट सिटी अभियान को नई उड़ान देने वाला है। यह साफ़ संकेत है कि बिहार अब इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
ऱिपोर्ट- अभिषेक आनंद