सिपाही बहाली पेपर लीक मामला: पूर्व डीजीपी एस.के. सिंघल की बढ़ीं मुश्किलें, बड़ी कार्रवाई की तैयारी में ईओयू

बिहार के पूर्व डीजीपी एस.के. सिंघल बड़ी मुश्किल में फंसते नजर आ रहे हैं. उनके केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) के अध्यक्ष रहने के दौरान हुए सिपाही बहाली परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले में ईओयू बड़ी कार्रवाई कर सकता है.

 DGP SK Singhal
DGP SK Singhal- फोटो : news4nation

Constable recruitment paper leak: बिहार पुलिस के सिपाही बहाली परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले में पूर्व डीजीपी और केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) के तत्कालीन अध्यक्ष एस.के. सिंघल की मुश्किलें अब और बढ़ती नजर आ रही हैं। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने गृह विभाग को भेजे पत्र में सिंघल के आचरण को संदिग्ध मानते हुए उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की है।


ईओयू की रिपोर्ट के आधार पर गृह विभाग ने पूर्व डीजीपी से स्पष्टीकरण मांगते हुए जवाब-तलब किया है। सूत्रों के अनुसार, एस.के. सिंघल को अब ईओयू पूछताछ के लिए नोटिस भेजेगी और सशरीर उपस्थित होने का निर्देश देगी।


क्या है मामला?

जांच में सामने आया है कि सिपाही भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र ब्लैकलिस्टेड कंपनी ब्लेसिंग सेक्योर से छपवाया गया। पेपर सुरक्षा मानकों की अनदेखी करते हुए बिना सील और सुरक्षा व्यवस्था के वेयरहाउस तक पहुंचाया गया। इसके अलावा, परीक्षा से जुड़े संवेदनशील कार्यों के लिए जिन लॉजिस्टिक कंपनियों का उपयोग किया गया, उनका उल्लेख करार में नहीं किया गया था।


ईओयू का कहना है कि प्रश्नपत्र छपाई का करार कालटेक्स प्रेस के साथ किया गया था, जिसमें पेपर के ट्रांसपोर्टेशन के लिए डीपी वर्ल्ड या जेनिथ लॉजिस्टिक जैसी एजेंसियों का कोई उल्लेख नहीं था। इससे स्पष्ट होता है कि एस.के. सिंघल ने अपने पद का दायित्व निभाने में गंभीर लापरवाही बरती है।


अब तक नहीं मिली क्लीन चिट

ईओयू की जांच रिपोर्ट में सिंघल को अब तक क्लीन चिट नहीं दी गई है। गृह विभाग को भेजे गए पत्र में साफ तौर पर कहा गया है कि भर्ती प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी हुई और जिम्मेदार पद पर रहते हुए सिंघल ने यह सब नजरअंदाज किया।


अब गृह विभाग के सवालों का जवाब देने के साथ-साथ एस.के. सिंघल को ईओयू की जांच में भी सहयोग करना होगा। विभागीय कार्रवाई की सिफारिश के बाद यह मामला अब प्रशासनिक स्तर पर और गंभीर हो गया है।