Bridge on Ganga River: गंगा नदी पर दीघा से सोनपुर के बीच जेपी सेतु के समानांतर नए पुल का निर्माण शुरू, उत्तर बिहार के करोड़ों लोगों को बीजी ट्रैफिक से मिलेगी राहत, नीतीश ने खोल दिया खजाना ....
Bridge on Ganga River: गंगा नदी पर यातायात को सुगम बनाने और उत्तर व दक्षिण बिहार को बेहतर ढंग से जोड़ने के लिए जेपी सेतु के समानांतर एक नए छह लेन पुल का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।

Bridge on Ganga River: बिहार की राजधानी पटना में गंगा नदी पर यातायात को सुगम बनाने और उत्तर व दक्षिण बिहार को बेहतर ढंग से जोड़ने के लिए जेपी सेतु के समानांतर एक नए छह लेन पुल का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत दीघा ) और सोनपुर के बीच गंगा पर बनने वाले इस पुल का निर्माण दोनों छोर से प्रारंभ हो गया है। यह पुल न केवल पटना के यातायात को राहत देगा, बल्कि बिहार में गंगा नदी पर पुलों की संख्या को 18 तक पहुंचाने में भी योगदान देगा। खास बात यह है कि पटना जिले में ही गंगा नदी पर पुलों की संख्या बढ़कर नौ हो जाएगी, जिससे स्थानीय लोगों को जाम की समस्या से काफी हद तक निजात मिलेगी।
नया सिक्स लेन पुल जेपी सेतु से लगभग 180 मीटर पश्चिम में बनाया जा रहा है। यह पुल 4.56 किलोमीटर लंबा होगा और एक्सट्रा डोज केबल तकनीक पर आधारित होगा, जिसे कोलकाता के कुछ आधुनिक पुलों की तरह डिजाइन किया गया है। इसकी डिजाइन आईआईटी रुड़की की विशेषज्ञ टीम ने तैयार की है। पुल के निर्माण में नवीनतम तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है, इस परियोजना की अनुमानित लागत 3,064.45 करोड़ रुपये है, और इसे एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा बनाया जा रहा है। निर्माण कार्य को इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन मॉडल के तहत पूरा किया जाएगा। यह पुल 42 महीने में बनकर तैयार होने की उम्मीद है, यानी वर्ष 2027 तक यह जनता के लिए खुल सकता है।
वर्तमान में जेपी सेतु एक रेल-सह-सड़क पुल है, जो केवल दो लेन का है और सिर्फ हल्के वाहनों के लिए उपयोगी है। भारी वाहनों और व्यावसायिक ढुलाई के लिए इसकी सीमित क्षमता के कारण लंबे समय से एक नए पुल की जरूरत महसूस की जा रही थी। नया सिक्स लेन पुल बनने से यातायात जाम से राहत मिलेगा वहीं जेपी सेतु और अन्य नजदीकी पुलों पर वाहनों का दबाव कम होगा। यह पुल एनएच-139डब्ल्यू (पटना से बेतिया) और बुद्ध सर्किट का हिस्सा है, जो उत्तर बिहार के क्षेत्रों जैसे छपरा, मोतिहारी, बेतिया, और औरंगाबाद को पटना से सीधे जोड़ेगा।वैशाली और पूर्वी चंपारण के केसरिया में स्थित बुद्ध स्तूप जैसे पर्यटन स्थलों तक पहुंच आसान होगी।वस्तुओं की ढुलाई और व्यवसायिक गतिविधियों में तेजी आएगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।
पुल के साथ-साथ पाटली पथ, जेपी गंगा पथ, और अटल पथLSI की तरह डिजाइन किए गए हैं। यह प्रोजेक्ट मुंबई में कंस्ट्रक्शन कंपनी एलएसआई द्वारा बनाया गया था। पाटली पथ से नए पुल तक पहुंचने और उतरने के लिए चार अलग-अलग एप्रोच रोड बनाए जाएंगे, जो यातायात को और सुगम बनाएंगे।बिहार में गंगा नदी पर वर्तमान में सात पुल हैं, जिनमें जेपी सेतु, महात्मा गांधी सेतु, राजेंद्र सेतु, विक्रमशिला सेतु, मुंगेर पुल, आरा-छपरा पुल, और बक्सर पुल शामिल हैं। अगले कुछ वर्षों में 11 और नए पुलों के निर्माण के साथ गंगा पर कुल पुलों की संख्या 18 हो जाएगी। इनमें शामिल हैं:
जेपी सेतु के समानांतर सिक्स लेन पुल
महात्मा गांधी सेतु के समानांतर फोर लेन पुल
राजेंद्र सेतु के समानांतर सिक्स लेन पुल
कच्ची दरगाह-बिदुपुर सिक्स लेन पुल
बक्सर में नया सिक्स लेन पुल
शेरपुर-दिघवारा सिक्स लेन पुल
विक्रमशिला सेतु के समानांतर सिक्स लेन पुल
सुल्तानगंज-अगवानी सिक्स लेन पुल
मटिहानी-शाम्हो सिक्स लेन पुल
बख्तियारपुर-ताजपुर सिक्स लेन पुल
मनिहारी-साहेबगंज सिक्स लेन पुल
पटना जिले में वर्तमान में तीन पुल हैं—जेपी सेतु, महात्मा गांधी सेतु, और राजेंद्र सेतु। नए निर्माणों के बाद, पटना में गंगा पर कुल नौ पुल होंगे,
महात्मा गांधी सेतु के समानांतर फोर लेन पुल
राजेंद्र सेतु के समानांतर सिक्स लेन पुल
कच्ची दरगाह-बिदुपुर सिक्स लेन पुल
शेरपुर-दिघवारा सिक्स लेन पुल
बख्तियारपुर-ताजपुर सिक्स लेन पुल
इस नए पुल के निर्माण से पटना और उत्तर बिहार के बीच आवागमन पहले से कहीं अधिक सुगम और तेज होगा। यह परियोजना स्वर्णिम चतुर्भुज कॉरिडोर तक सीधी पहुंच प्रदान करेगी, जिससे बिहार के उत्तरी हिस्से के लोग आसानी से राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़ सकेंगे।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस परियोजना को बिहार के लिए एक ऐतिहासिक कदम बताया है। निर्माण कार्य की प्रगति की निगरानी के लिए विशेष टीमें तैनात की गई हैं, और उम्मीद है कि यह पुल समय पर पूरा होकर जनता को समर्पित किया जाएगा।इस परियोजना से बिहार में आधारभूत ढांचे के विकास को नई गति मिलेगी और यह राज्य को देश के अन्य हिस्सों से और बेहतर ढंग से जोड़ेगा।