Bihar News: पटना के गर्दनीबाग में डाटा ऑपरेटर्स अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन पर बैठ गए हैं। डाटा ऑपरेटर्स का कहना है कि सीएम नीतीश उनकी मांगों को पूरी करें नहीं तो वो ऐसे ही धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे। दअरसल, बिहार स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (बेल्ट्रॉन) पिछले 25 वर्षों से राज्य के विभिन्न विभागों, जैसे सचिवालय से लेकर पंचायत स्तर तक, आवश्यक कर्मियों की उपलब्धता सुनिश्चित कर रहा है
बेल्ट्रॉन की भूमिका
बेल्ट्रॉन, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, बिहार सरकार का एक उपक्रम है, जो विभिन्न सरकारी कार्यालयों, निगमों, एवं निकायों से प्राप्त अनुरोधों के आधार पर डाटा एंट्री ऑपरेटर, आशुलिपिक, प्रोग्रामर एवं आईटी आउटसोर्सिंग कर्मियों की नियुक्ति करता है। वहीं अब कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर गर्दनीबाग में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
कर्मियों की नियुक्ति प्रक्रिया
1. अर्हता एवं शैक्षणिक योग्यता: बेल्ट्रॉन द्वारा उच्च योग्यता प्राप्त एवं प्रशिक्षित कर्मियों की नियुक्ति हेतु मापदंड तय कर विज्ञापन प्रकाशित किया जाता है। योग्य अभ्यर्थी निर्धारित शुल्क के साथ आवेदन जमा करते हैं। इसके बाद, प्रमाण पत्रों का सत्यापन किया जाता है।
2. परीक्षा एवं चयन- प्रमाण पत्रों के सत्यापन के उपरांत, निगम द्वारा प्रवेश पत्र जारी किए जाते हैं। परीक्षाएँ टीसीएस जैसी प्रतिष्ठित संस्था के माध्यम से आयोजित की जाती हैं, जो सरकारी परीक्षाओं का संचालन भी करती है।
3. नियुक्ति प्रक्रिया- परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों की एक सूची तैयार की जाती है। विभिन्न सरकारी विभागों से प्राप्त अनुरोधों के आधार पर, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा निर्धारित 100-बिंदु आरक्षण रोस्टर का पालन करते हुए कर्मियों की नियुक्ति की जाती है।
4. सेवा शर्तें- चूँकि बेल्ट्रॉन, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग का उपक्रम है, अतः कर्मियों की सेवा शर्तें एवं मानदेय का निर्धारण विभाग द्वारा किया जाता है।
5. प्रशिक्षण- बेल्ट्रॉन द्वारा नियुक्त कर्मियों को लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान (बिपार्ड) में प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके अलावा, विभागीय आवश्यकताओं के अनुसार विभिन्न सॉफ़्टवेयर, पोर्टल आदि के संचालन का प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है।
6. वेतन भुगतान- वेतन भुगतान e-HRMS (ERP-2) पोर्टल के माध्यम से किया जाता है। प्रत्येक विभाग में नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाते हैं, जो इस पोर्टल का संचालन सुनिश्चित करते हैं।
कर्मियों की समस्याएँ एवं विसंगतियाँ
1. मुख्य समस्याएँ: आउटसोर्सिंग प्रणाली होने के कारण सेवा की अनिश्चितता। कम वेतन एवं सेवा समाप्ति से पहले अपील करने का कोई प्रावधान नहीं। वृद्धावस्था में स्थिर आय का अभाव।
2. नियमावली से बहिष्करण: राज्य सरकार सूचना प्रौद्योगिकी संवर्ग नियमावली बना रही है, लेकिन आउटसोर्सिंग आधारित कर्मियों को इससे बाहर रखा गया है। नई भर्ती प्रक्रिया में बाहरी उम्मीदवारों के साथ प्रतिस्पर्धा करवाने की योजना है, जो अनुचित है। केवल आयु सीमा में छूट देना पर्याप्त नहीं है, क्योंकि मौजूदा कर्मी पूर्णकालिक कार्यालय कार्यों में व्यस्त रहते हैं।
3. बहु-स्तरीय चयन प्रक्रिया: सरकार कई चरणों में परीक्षा आयोजित करने पर विचार कर रही है, जिससे कर्मियों के लिए असुरक्षा की स्थिति बन रही है।
डाटा ऑपरेटर्स की मांगें
1. बिना शर्त, बिना परीक्षा के विभागीय संविदा नियुक्ति की जाए।
2. सेवा समाप्ति से पहले अपील का प्रावधान सुनिश्चित किया जाए।
3. वर्तमान महंगाई को ध्यान में रखते हुए, 01.01.2025 से पारिश्रमिक में 30% वृद्धि की जाए।
4. सूचना प्रौद्योगिकी संवर्ग नियमावली के तहत कर्मियों का समायोजन किया जाए।
पदों एवं योग्यता का विवरण
आरक्षण नीति राज्य सरकार द्वारा सभी भर्ती प्रक्रियाओं में निम्नलिखित आरक्षण का पालन किया जाता है-
1. अनुसूचित जाति
2. अनुसूचित जनजाति
3. पिछड़ा वर्ग
4. अत्यंत पिछड़ा वर्ग
5. आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग
6. सभी वर्गों की महिलाएँ
7. दिव्यांगजन
सीएम नीतीश से मांग
बेल्ट्रॉन कर्मी कई वर्षों से राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में अपनी सेवाएँ दे रहे हैं। उनकी स्थायित्व, वेतन वृद्धि एवं समायोजन से जुड़ी माँगों पर गंभीरता से विचार किया जाना आवश्यक है ताकि वे भविष्य में भी सुचारू रूप से कार्य कर सकें।
पटना से अभिषेक आनंद की रिपोर्ट