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Bihar DGP Order: बिहार के सभी थानेदारों के लिए DGP विनय कुमार का कड़ा फरमान,इस काम में मनमानी किए तो नपना तय मान लीजिए

Bihar DGP Order: बिहार के DGP विनय कुमार ने सभी पुलिसकर्मियों को कड़ा निर्देश दिया है। जिसके जरिए अब सभी पुलिसकर्मियों को ये काम करना होगा। अगर वो आदेश नहीं मानते हैं तो उन पर सख्त कार्रवाई होगी।

DGP Vinay Kumar
DGP Vinay Kumar- फोटो : social media

Bihar DGP Order: भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 105 के तहत, बिहार पुलिस को तलाशी या जब्ती की कार्रवाई करते समय अनिवार्य रूप से वीडियोग्राफी करनी होगी। नए आपराधिक कानून के इस प्रावधान को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से लागू करने के लिए मानक प्रक्रिया तैयार की गई है। इसके अनुसार, पुलिस किसी परिसर में तलाशी या जब्ती के लिए प्रवेश करने से पहले ही वीडियोग्राफी शुरू करेगी।

प्रक्रिया का पालन अनिवार्य

परिसर में प्रवेश करने के बाद, पुलिस अधिकारी या कर्मी सबसे पहले वीडियो में अपना परिचय देंगे। परिसर के मालिक और वहां मौजूद अन्य लोगों को सूचित करने के बाद ही तलाशी प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। यदि कार्रवाई कोर्ट के वारंट पर आधारित हो, तो वीडियोग्राफी में वारंट को दिखाना और उसका ब्योरा रिकॉर्ड करना भी अनिवार्य होगा। पुलिस अधिकारी को केस का विवरण, तलाशी की तिथि, समय, स्थान, और अन्य संबंधित जानकारी भी रिकॉर्ड करनी होगी।

तलाशी प्रक्रिया के लिए विशेष निर्देश

तलाशी औपचारिक घोषणा के बाद ही शुरू की जाएगी। तलाशी स्थल के चारों ओर के दृश्य, आस-पास की इमारतें और लैंडमार्क का वीडियो भी बनाया जाएगा। बहुमंजिला इमारत होने पर सभी तलों की तलाशी बारी-बारी से की जाएगी। परिसर के हर कमरे और स्थान की रिकॉर्डिंग अनिवार्य होगी।

जब्ती प्रक्रिया के लिए निर्देश

जब्त किए गए सामान का ब्योरा रिकॉर्ड किया जाएगा। जब्ती सूची की एक कॉपी परिसर मालिक को दी जाएगी, और इसकी रिकॉर्डिंग भी की जाएगी। जब्त सामान को परिसर से बाहर ले जाने तक की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी। कार्यवाही समाप्त होने के बाद पुलिस अधिकारी परिसर के बाहर आकर इसकी औपचारिक घोषणा करेंगे।

वीडियोग्राफी का सुरक्षित भंडारण

यदि वीडियोग्राफी एसडी कार्ड में की जाती है, तो उसे सीलबंद लिफाफे में कोर्ट भेजा जाएगा। एसडी कार्ड के विवरण को भी रिकॉर्डिंग में शामिल करना होगा। रिकॉर्डिंग को लैपटॉप, पेनड्राइव या सीडी में साक्षियों की मौजूदगी में सुरक्षित किया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मोबाइल और अन्य माध्यमों में रिकॉर्डिंग में कोई अंतर न हो। इस प्रक्रिया के सख्त पालन से तलाशी और जब्ती की कार्रवाई को अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाया जाएगा।

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