'बिहार बनेगा पहला हिंदू राज्य', विधानसभा चुनाव के पहले 'सनातन महाकुंभ' गरजे धीरेंद्र शास्‍त्री, भगवा-ए-हिन्द की मांग

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री ने पटना में आयोजित 'सनातन महाकुंभ' में बिहार को देश का पहला हिंदू राज्य बनाने की बड़ी अपील की.

Dhirendra Shastri
Dhirendra Shastri- फोटो : news4nation

Dhirendra Shastri: बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्‍त्री ने रविवार को कहा कि यदि भारत हिंदू राष्ट्र बनेगा, तो पहला राज्य बिहार होगा. उन्होंने पटना के गांधी मैदान में आयोजित 'सनातन महाकुंभ' को संबोधित करते हुएहिंदुओं को एकजुट रहने की अपील की.  धीरेंद्र शास्त्री जात-पात से ऊपर उठने का संदेश देते हुए कहा कि राष्ट्रवाद के लिए जीना आवश्यक है, अन्यथा राष्ट्र विरोधी ताकतें सक्रिय होंगी. 


उन्होंने कहा कि कुछ ताकतें गजवा-ए-हिन्द बनाना चाहती हैं, लेकिन हमारा एक ही सपना है कि भगवा-ए-हिन्द होना चाहिए. हमें किसी विरोधियों से दिक्कत नहीं है, हमें उन हिन्दुओं से दिक्कत है जो जाति के नाम पर लड़ाते हैं. उन्होंने कहा, 'हमारी एक ही प्रार्थना है, हिंदुओं को घटने मत देना. हिंदुओं को बंटने मत देना. हिंदुओं जात-पात से ऊपर उठकर राष्‍ट्रवाद के लिए जीना.'


धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हमें मुसलमान, ईसाई से कोई दिक्कत नहीं. जातियों के नाम पर लड़ाने वाले हिंदुओं से दिक्कत. धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा कि अगर भारत हिंदू राष्ट्र होगा तो पहला राज्य बिहार होगा. इसलिए हमारा एक ही सपना है कि भगवा-ए-हिन्द होना चाहिए. 


'सनातन महाकुंभ' का आयोजन भगवान परशुराम जन्मोत्सव की पूर्णता के अवसर पर रखा गया है और इसका नेतृत्व पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे कर रहे हैं. जगद्गुरु रामभद्राचार्य  ने भी इस अवसर पर कहा कि बिहार की सत्ता हिंदू विरोधियों को नहीं सौंप सकता है. 


भव्य आयोजन 

गांधी मैदान को 10 एकड़ क्षेत्र में विशाल पंडाल में तब्दील किया गया है, जिसमें 50,000 श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था की गई है। आयोजन स्थल पर वीआईपी ज़ोन, मीडिया सेंटर, भंडारा, सेवा केंद्र और मेडिकल कैंप भी बनाए गए हैं।


चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था

सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद है: 2,500 से अधिक सुरक्षाकर्मी, RAF, STF, जिला पुलिस, महिला बल, ट्रैफिक पुलिस और खुफिया एजेंसियां तैनात हैं। ड्रोन और CCTV से निगरानी, एंटी-टेरेरिस्ट और बम स्क्वॉड की भी विशेष तैनाती की गई है।


कई जगहों से पहुंचे संत 

काशी, अयोध्या, हरिद्वार, उज्जैन, नासिक, वृंदावन से लेकर दक्षिण भारत के बड़े मठों से 500 से अधिक संतों की उपस्थिति तय मानी जा रही है। श्रद्धालु बिहार के कोने-कोने से लेकर झारखंड, बंगाल, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और दिल्ली से भी पहुँच चुके हैं।