Bihar News : पटना के डॉ. आशीष सिंह को मिला अंतरराष्ट्रीय सम्मान, भारत को करेंगे वैश्विक मंच पर गौरवान्वित
Bihar News : पटना के डॉ आशीष सिंह ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है. जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया गया है.....पढ़िए आगे

Patna : चिकित्सा के क्षेत्र में बिहार को एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है. यह राज्य के लिए गर्व का क्षण है क्योंकि पटना स्थित अनुप इंस्टीट्यूट ऑफ आर्थोपेडिक्स एंड रिहैबिलिटेशन (AIOR) के मेडिकल डायरेक्टर और हेड, डॉ. आशीष सिंह को Stryker Mako Robotic Hip & Knee Arthroplasty में अंतरराष्ट्रीय प्रॉक्टर नियुक्त किया गया है. यह खिताब उन्हें ट्रेन-द-ट्रेलर (111) सर्टिफिकेशन पूरा करने के बाद प्राप्त हुआ है, जो उन्हें अब वैश्विक स्तर पर रोबोटिक तकनीक में अन्य सर्जनों को प्रशिक्षित करने की अनुमति देता है.
वैश्विक मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व
अब डॉ. सिंह Stryker की वैश्विक फैकल्टी पैनल में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे, वे अंतरराष्ट्रीय कार्यशालाओं, कैदैवर लेब्स और लाइव सर्जरी डेमोन्स्ट्रेशन में हिस्सा लेंगे, साथ ही नए सर्जनों को Mako रोबोटिक प्लेटफॉर्म पर प्रशिक्षण देंगे.
क्या होता है 'अंतरराष्ट्रीय प्रॉक्टर' बनना?
Stryker, दुनिया की अग्रणी ऑपिडिक टेक्रोसॉजी कंपनियों में से एक है, और इसके Mako Robotic System को हिप और नी रिप्लेसमेंट सर्जरी के क्षेत्र में अत्याधुनिक माना जाता है. अंतरराष्ट्रीय प्रॉक्टर बनने का मतलब है कि डॉ. आशीष सिंह अब इस तकनीक में वैश्विक स्तर पर सर्जनों को ट्रेनिंग दे सकते हैं, लाइव सर्जरी डेमो दिखा सकते हैं, इंटरनेशनल वर्कशॉप्स और कैईवर लैब्स का संचालन कर सकते हैं.
पटना का AIOR बनेगा ग्लोवल हब
इस नियुक्ति के साथ, AIOR को रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट के क्षेत्र में एक Centre of Excellence के रूप में स्थापित किया जा रहा है. यह संस्थान अब न केवल मरीजों के इलाज के लिए बल्कि अन्य डॉक्टरों के प्रशिक्षण के लिए भी जाना जाएगा. AIOR अच देश-विदेश से आने वाले डॉक्टरों और मरीजों के लिए एक विश्वसनीय नाम बनेगा. यह उपलब्धि न सिर्फ मरीजों में विश्वास बढ़ाएगी, बल्कि AIOR को एक ग्लोबल ट्रेनिंग हब के रूप मेंपहबानविनाएगी.
शोध, नवाचार और सहयोग की नई राहें
डॉ. आशीष सिंह अब अंतरराष्ट्रीय शोध सहयोग, मल्टीसेंटर ट्रायल्स और Stryker-समर्चित वैज्ञानिक प्रकाशनों में भी भाग ले सकेंगे. उन्हें नई तकनीकों, इम्प्लांट्स और प्लानिंग सॉफ्टवेयर तक प्राथमिक पहुंच प्रास होगी, जिससे वे भविष्य की रोबोटिक सर्जरी तकनीकों के विकास में भी योगदान दे सकेंगे.
मरीजों के लिए क्या मायने रखता है यह सम्मान?
यह सम्मान यह दर्शाता है कि पटना में बैठा एक भारतीय डॉक्टर, जब न सिर्फ देश के चल्कि दुनिया भर के डॉक्टरों को आधुनिकतम रोचीटिक तकनीक सिखाएगा. मरीजों को इससे अधिक सटीक, सुरक्षित और उचत सर्जरी का लाभ मिलेगा. डॉ. सिंह की यह उपलब्धि न सिर्फ बिहार बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व की बात है और यह दिखाती है कि चिकित्सा के क्षेत्र में भारत भी तकनीकी अग्रिम पंक्ति में बड़ा है. डॉ. सिंह बोले, "यह सम्मान केबल मेरा नहीं, बिहार और भारत का है अपनी इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर प्रतिक्रिया देते हुए डॉ. आशीष सिंह ने कहा, "यह सम्मान न सिर्फ मेरी व्यक्तिगत यात्रा की एक उपलब्धि है, बल्कि बिहार के चिकित्सा क्षेत्र को विश्व मानचित्र पर स्थापित करने का एक अवसर है. मेरा लक्ष्य है कि हम AIOR को वैश्विक मेडिकल शिक्षा और नवाचार का केंद्र बनाएं और यह साबित करें कि पटना जैसे शहरों में भी विश्वस्तरीय चिकित्सा सेवाएंउपलब्धहैं."