ED In Action: ED ने डीआईजी शिवेंद्र प्रियदर्शी की डेढ़ करोड़ की संपत्ति की अटैच , अवैध कमाई का आरोप
ED In Action: ईडी ने डीआईजी शिवेंद्र प्रियदर्शी की डेढ़ करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त की। DIG पर पद का दुरुपयोग कर अवैध कमाई का आरोप है। जांच में बैंक बैलेंस, फ्लैट, सोना-चांदी और एफडी के सबूत मिले हैं।
ED In Action: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बिहार के जेल एवं सुधार सेवाओं के डीआईजी रहे शिवेंद्र प्रियदर्शी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी कार्रवाई की है। एजेंसी ने उनकी 1.52 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है।जब्त संपत्तियों में दो फ्लैट, बैंक खातों में जमा रकम, सोने–चांदी के गहने, फिक्स्ड डिपॉजिट, किसान विकास पत्र और नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) में किया गया निवेश शामिल है।
पद का दुरुपयोग कर जमा की गई करोड़ों की संपत्ति
ईडी की प्रारंभिक जांच के अनुसार शिवेंद्र प्रियदर्शी ने डीआईजी (प्रिजन एंड करेक्शनल सर्विसेज) रहते हुए पद का दुरुपयोग कर अपने और अपनी पत्नी के नाम पर अवैध संपत्ति खड़ी की।एसवीयू (विशेष निगरानी इकाई) ने पहले इसकी पड़ताल की थी और फरवरी 2017 में FIR दर्ज की गई। मई 2017 में चार्जशीट दाखिल हुई, जिसके आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की।
कई जिलों में तैनाती के दौरान संपत्ति में हुआ इजाफा
ईडी के अनुसार शिवेंद्र प्रियदर्शी ने जून 1993 से मई 2017 तक सासाराम, बेनीपुर, गोपालगंज, सिवान और पटना में तैनाती के दौरान आय से कई गुना अधिक संपत्ति अर्जित की।एजेंसी का दावा है कि उनकी वास्तविक आय की तुलना में कई गुना अधिक पैसा इकट्ठा हुआ। इसका कुछ हिस्सा सीधे परिवार के खातों में जमा हुआ। रिश्तेदारों और नजदीकी लोगों के खातों का भी इस्तेमाल किया गया। कई नकद उपहार भी आय का हिस्सा बताए जा रहे हैं। ईडी ने IPC और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (PC Act) के तहत मामला दर्ज कर रखा है।
ED की जांच जारी, और खुलासों की संभावना
एजेंसी के अधिकारियों का कहना है कि यह सिर्फ शुरुआती कार्रवाई है। मनी ट्रेल, निवेश और रिश्तेदारों के खातों में गए पैसों की जांच अभी जारी है।संभावना है कि आगे और संपत्तियों पर भी कार्रवाई हो सकती है।