Bihar School News: बिहार के सरकारी स्कूलों में बदल जाएगा ये नियम, गर्मी छुट्टी के बाद छात्रों को करना होगा ये काम, लापरवाही बर्दास्त नहीं...

Bihar School News: गर्मी छुट्टी के बाद सरकारी स्कूलों में सबसे पुराना नियम बदल जाएगा। शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों में इसको लेकर आदेश भी जारी कर दिया है। यदि इस आदेश को नहीं मानी जाती है तो शिक्षकों के साथ छात्रों पर भी बड़ी कार्रवाई की जाएगी।

शिक्षा विभाग
शिक्षा विभाग का आदेश - फोटो : social media

Bihar School News:   बिहार में सरकारी स्कूलों की कार्यप्रणाली को पारदर्शी और अनुशासित बनाने के लिए शिक्षा विभाग ने एक के बाद एक कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। शनिवार को आयोजित ‘शिक्षा की बात’ कार्यक्रम के दौरान शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। जिनका सीधा असर छात्रों, शिक्षकों और स्कूल प्रशासन पर पड़ेगा। डॉ. सिद्धार्थ ने स्पष्ट किया कि गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति बायोमेट्रिक सिस्टम और उनकी फोटो के साथ दर्ज की जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे छात्रों की वास्तविक उपस्थिति पर सटीक निगरानी संभव होगी और स्कूलों में समयपालन सुनिश्चित किया जा सकेगा।

कोचिंग सेंटरों पर दोहरी सख्ती

कार्यक्रम में उन्होंने यह भी कहा कि अब सरकारी शिक्षक किसी भी रूप में कोचिंग सेंटरों में पढ़ाने के हकदार नहीं होंगे। यदि कोई शिक्षक ऐसा करते पकड़ा गया तो उस पर कार्रवाई तय है। इसी तरह, स्कूल समय में छात्र किसी भी हालत में कोचिंग नहीं जा सकेंगे। यह निर्णय शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है। एसीएस एस सिद्धार्थ ने साफ कर दिया है कि यदि कोई भी छात्र स्कूल छोड़कर कोचिंग में पढ़ाई करते पाए जाते हैं तो उनपर सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

लंबित सेवापुष्टि पर नाराजगी

एक सवाल के जवाब में जब यह मुद्दा उठा कि कई शिक्षकों की सेवापुष्टि (Service Confirmation) पिछले पांच वर्षों से लंबित है तो डॉ. सिद्धार्थ ने कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने इसे “बेहद दुखद” बताते हुए कहा कि “अगर किसी अधिकारी या कर्मी की लापरवाही से यह कार्य रुका है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने भरोसा दिलाया कि अगले एक सप्ताह के भीतर सेवापुष्टि की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

समर कैंप से छात्रों के रचनात्मक विकास को बढ़ावा

शिक्षा विभाग ने स्कूलों में समर कैंप आयोजित करने की भी घोषणा की है। जिसमें म्यूजिक, आर्ट, ड्रामा और क्राफ्ट जैसी रचनात्मक गतिविधियों की कक्षाएं चलेंगी। इन कैंपों में स्थानीय कलाकारों को आमंत्रित किया जाएगा, जिन्हें सम्मानजनक सहयोग राशि दी जाएगी। सरकारी स्कूलों की पढ़ाई की गुणवत्ता सुधारने के लिए शिक्षकों को गणित और रीडिंग की विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। डॉ. सिद्धार्थ ने कहा कि इससे शिक्षकों की शैक्षणिक दक्षता में वृद्धि होगी और वे बच्चों को और अधिक प्रभावी तरीके से पढ़ा पाएंगे।

उर्दू माध्यम के छात्रों के लिए नई व्यवस्था

शिक्षा विभाग ने यह भी निर्देश दिया है कि जिन स्कूलों में उर्दू माध्यम की पढ़ाई होती है, वहां परीक्षा के दौरान छात्रों को उर्दू भाषा में प्रश्नपत्र मुहैया कराया जाए। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भाषा की बाधा छात्रों की शैक्षणिक प्रगति में रोड़ा न बने।