ChatGPT: ChatGPT का अधिक उपयोग खतरनाक, सर्वे रिपोर्ट देख पकड़ लेंगे माथा, हो जाइए सावधान, नहीं तो...
ChatGPT: अगर आप भी ChatGPT का उपयोग अधिक कर रहे हैं तो आप सावधान हो जाइए, चैटजीपीटी के अत्यधिक इस्तेमाल को लेकर एक चौंकाने वाला रिपोर्ट सामने आया है...पढ़िए आगे...

ChatGPT: आज के दौर में एआई का उपयोग बढ़ चढ़ के हो रहा है। हर क्षेत्र में एआई का इस्तेमाल किया जा रहा है। एआई फोटो, एआई वीडियो सहित एआई कंटेंट का क्रेज देखने को मिल रहा है। सभी लोग छट से एआई से अपने कठिन से कठिन सवालों के जवाब मांग ले रहे हैं। जिन कामों में घटों समय लगता था अब वो मिनटों में हो जा रहे हैं। खास कर बड़ों में और युवाओं chatgpt का क्रेज सबसे अधिक देखने को मिल रहा है। युवाओं से लेकर बच्चों तक chatgpt का अत्यधिक इस्तेमाल कर रहे हैं। स्कूल, कॉलेज से लेकर जीवन से जुड़े सवालों तक का जवाब अब चैटजीपीटी से मांग रहे हैं। इसी बीच एक हैरान कर देने वाला सर्वे सामने आया है।
एआई टूल्स पर निर्भरता गंभीर चिंता
दूसरी ओर, ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने युवाओं और किशोरों द्वारा चैटजीपीटी जैसे एआई टूल्स पर बढ़ती निर्भरता को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि किशोर अगर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट को दोस्त या लाइफ कोच की तरह इस्तेमाल करने लगते हैं तो यह उनके मानसिक और सामाजिक विकास के लिए खतरनाक हो सकता है।
युवाओं के लिए खतरनाक है ChatGPT
आल्टमैन ने कहा कि, मुझे डर है कि युवा वर्ग एआई पर इतना भरोसा करने लगा है कि वे खुद सोचना बंद कर सकते हैं। निर्णय लेने की प्रक्रिया में वे निष्क्रिय हो सकते हैं। उन्होंने युवाओं को सलाह दी कि वे एआई का उपयोग जरूर करें, लेकिन सोचने और विश्लेषण करने की क्षमता को बनाए रखें।
सर्वे में चौंकाने वाले आंकड़े
2025 में किए गए एक सर्वे के मुताबिक, अमेरिका के 72% किशोरों ने किसी न किसी रूप में एआई चैटबॉट्स का इस्तेमाल किया। इनमें से 50% ने कुछ हद तक चैटबॉट की सलाह को माना, जबकि 23% किशोरों ने उस पर पूरी तरह भरोसा किया। खास बात यह रही कि कम उम्र के किशोरों में यह ट्रेंड और अधिक देखने को मिला।
मनोवैज्ञानिकों ने भी जताई चिंता
विशेषज्ञों का कहना है कि किशोरों में खुद से समस्या हल करने की क्षमता घट रही है क्योंकि वे छोटी-छोटी परेशानियों में भी चैटजीपीटी का सहारा लेने लगे हैं। मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, अगर एआई टूल्स उपलब्ध न हों तो वे खुद को असहाय महसूस करने लगते हैं। यह आदत लंबे समय में उनकी याददाश्त, निर्णय लेने की क्षमता और सामाजिक कौशल को प्रभावित कर सकती है। विशेषज्ञों और तकनीकी नेतृत्व की यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब दुनियाभर में एआई टूल्स का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है।