Bihar News: बिहार के किसानों की हो रही हकमारी, भूमि अधिग्रहण में एक हजार करोड़ का घपला, रिपोर्ट में हुए चौंकाने वाले खुलासे
Bihar News: बिहार में किसानों की हकमारी हो रही है। राजस्व विभाग के रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। किसानों को भूमि अधिग्रहण के बदले उचि मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार करीब 1 हजार करोड़ कम मुआवजा किसानों को मिला है...

Bihar News: बिहार में किसानो के साथ हकमारी हो रही है। किसानों के साथ सही न्याय नहीं हो रहा है। किसानों से जमीन तो ले ली जा रही लेकिन मुआवजे की राशि कम दी जा रही है। दरअसल, रेलवे, सड़क और अन्य विकासात्मक परियोजनाओं के लिए हो रहे भूमि अधिग्रहण में किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिला है। राजस्व विभाग की ऑडिट रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि अधिकारियों की लापरवाही से दर्जनभर से अधिक जिलों में सैकड़ों किसानों को करीब एक हजार करोड़ रुपये कम भुगतान हुआ। रिपोर्ट में हुए खुलासे से हड़कंप मच गया है।
किसानों की हकमारी
रिपोर्ट के अनुसार राजस्व अधिकारियों ने जमीन का मूल्यांकन वर्तमान दरों पर करने के बजाय पूर्व दरों के आधार पर मुआवजा तय किया। शहरी क्षेत्रों में दोगुना और ग्रामीण इलाकों में दूरी के आधार पर चार गुना मुआवजे का प्रावधान होने के बावजूद किसानों को कम राशि मिली। जिससे किसानों की हकमारी हुई है। किसानों को करीब एक हजार करोड़ कम मुआवजा मिला है।
कब-कब और कितना कम मिला मुआवजा
वित्तीय वर्ष 2015-16 में पटना, भागलपुर और भोजपुर में 18.71 लाख रुपये के उपकरण निर्धारित/आरोपित नहीं हुए। 2016-17 में बक्सर, गया, नालंदा, मुजफ्फरपुर और सीतामढ़ी में किसानों को 873.46 करोड़ रुपये कम मिले। इसी वर्ष पटना और औरंगाबाद में 4.80 करोड़ रुपये की कमी रही। किशनगंज, बक्सर, औरंगाबाद, मुजफ्फरपुर और सीतामढ़ी में पुनर्वास भत्ता तक नहीं दिया गया। 2016-17 में ही आठ जिलों में 96.50 करोड़ रुपये कम भुगतान हुआ। वर्ष 2021-22 में अररिया और रोहतास के किसानों को 16.73 करोड़ रुपये कम मिले। सूत्रों के अनुसार जिन परियोजनाओं में किसानों को कम मुआवजा दिया गया, उनमें पटना-बक्सर, पटना-गया-डोभी और पटना-बख्तियारपुर सड़क परियोजनाएं शामिल हैं।
किसानों की बढ़ी परेशानी
किसानों की परेशानी बढ़ गई है। किसान मुआवजे के लिए दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। सभी जिलों में अधिग्रहण की प्रक्रिया लंबी हो रही है। परियोजनाओं में लगातार विलंब हो रहा है। जानकारी अनुसार स्थानीय अधिकारियों की गलती के कारण परेशानी बढ़ रही है। स्थानीय अधिकारी वर्तमान मूल्य के बजाए किसानों को पूर्व री दर के अनुसार ही मुआवजा राशि का भुगतान कर रहे हैंय़
अब उठाए गए कदम
राजस्व विभाग ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि वे संबंधित विभागों से अंतर राशि की मांग करें। भू-अर्जन निदेशालय को लंबित राशि और परियोजनाओं की सूची तैयार करने के आदेश दिए गए हैं। विभागीय समन्वय के बाद अंतर राशि प्राप्त होते ही किसानों के खातों में भुगतान किया जाएगा।