Bihar Land Lease in Cities : अब शहरों में भी जमीन लीज पर लेगी सरकार, चुनाव से पहले ही नीतीश कुमार ने खेला बड़ा दांव

अब तक गांवों तक सीमित रही लीज़ की व्यवस्था को शहरों में भी लागू करने का फ़ैसला कैबिनेट ने मुहर लगाकर साफ़ कर दिया है।

Govt to Lease Land in Cities
चुनाव से पहले ही नीतीश कुमार ने खेला बड़ा दांव- फोटो : reporter

Bihar Land Lease in Cities : सरकार ने ज़मीनी सियासत और प्रशासनिक सुधार के मोर्चे पर बड़ा क़दम उठाया है। अब तक गांवों तक सीमित रही लीज़ की व्यवस्था को शहरों में भी लागू करने का फ़ैसला कैबिनेट ने मुहर लगाकर साफ़ कर दिया है। यानी सरकारी योजनाओं के लिए अब शहरी इलाक़ों की ज़मीन भी लीज़ पर ली जाएगी। यह क़दम न सिर्फ़ योजनाओं को ज़मीन देने वाला साबित होगा, बल्कि रियल एस्टेट और शहरी विकास की तस्वीर भी बदल देगा।

इसी कड़ी में सरकार ने एक और ऐतिहासिक फ़ैसला लिया है। कैबिनेट ने 3303 नए राजस्व कर्मचारियों के पदों के सृजन को मंज़ूरी दे दी है। इनकी नियुक्ति राज्य के अलग-अलग ज़िलों में की जाएगी ताकि भूमि प्रबंधन, पंजीकरण और राजस्व से जुड़ी कार्यवाहियों में पारदर्शिता और रफ़्तार लाई जा सके। ज़मीन को लेकर अक्सर उठने वाले विवाद, रजिस्ट्री में देरी और भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए यह क़दम मास्टरस्ट्रोक साबित हो सकता है।

राजनीतिक गलियारों में इसे सरकार की दूरगामी रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। विपक्ष जहां इसे चुनावी स्टंट बताने से पीछे नहीं हटेगा, वहीं सत्ता पक्ष इसे "ग़रीब और आम जनता को सीधा फ़ायदा पहुंचाने वाली नीति" करार दे रहा है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि शहरी क्षेत्रों में लीज़ व्यवस्था लागू करने से उद्योगों और बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं को गति मिलेगी। वहीं, अतिरिक्त राजस्व कर्मचारियों की तैनाती से ज़मीन संबंधी भ्रष्टाचार, दलालों की भूमिका और लालफीताशाही में कमी आने की उम्मीद है।

यानी साफ़ है कि सरकार का यह फ़ैसला सिर्फ़ प्रशासनिक सुधार नहीं, बल्कि राजनीतिक संदेश भी है  “ज़मीन अब सिर्फ़ विवाद की नहीं, तरक़्क़ी की पहचान बनेगी।”