शादी-ब्याह में डीजे को लेकर पटना हाई कोर्ट सख़्त,मसौढ़ी, कदमकुआँ व पीरबहोर थाना को किया तलब

High Court: पटना हाई कोर्ट में ध्वनि प्रदूषण के मामलें पर सुनवाई हुई। जस्टिस राजीव रॉय के समक्ष इस मामलें पर सुनवाई के दौरान मसौढ़ी के थानाध्यक्ष की ओर से हलफ़नामा दायर किया गया।

 शादी-ब्याह में डीजे को लेकर पटना हाई कोर्ट सख़्त,मसौढ़ी, कद
शादी-ब्याह में डीजे को लेकर पटना हाई कोर्ट सख़्त- फोटो : reporter

High Court: पटना हाई कोर्ट में ध्वनि प्रदूषण के मामलें पर सुनवाई हुई। जस्टिस राजीव रॉय के समक्ष इस मामलें पर सुनवाई के दौरान मसौढ़ी के थानाध्यक्ष की ओर से हलफ़नामा दायर किया गया।सुरेंद्र कुमार की याचिका की सुनवाई की हो रही है।कोर्ट ने मसौढ़ी के थानाध्यक्ष को अगली सुनवाई में कार्रवाई रिपोर्ट देने का निर्देश दिया।आज कोर्ट में  पटना जिला के सभी एसडीएम और चार एसडीपीओ ने कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत किया।कोर्ट ने पिरबहोर  थाना के अध्यक्ष द्वारा ध्वनि प्रदूषण को सख्ती से रोकने का निर्देश दिया।कोर्ट ने उनसे कहा कि शादी,सार्वजनिक उत्सव आदि की वीडियोग्राफी करने का निर्देश दिया।जो प्रदूषण नियंत्रण के विरुद्ध कार्य कर रहे है,उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाये।

कोर्ट ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्रियकालपों पर असंतोष जाहिर किया।कोर्ट ने कहा कि जहाँ निर्माणकार्य हो रहा है,वहां पर्दा नही लगाया जा रहा है।इससे वायु व ध्वनि प्रदूषण होता है।जनरेटर की अधिक आवाज से होने वाले ध्वनि प्रदूषण पर भी कड़ी कार्रवाई की जाये।पिछली सुनवाई में  ध्वनि प्रदूषण को लेकर दिये आदेशों का अनुपालन करते हुए पटना जिला के सभी एसडीओ ने कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत किया था।सरकारी अधिवक्ता प्रशांत प्रताप ने पटना सिटी एसडीएम,एसडीओ दानापुर,एसडीओ,मसौढ़ी,सएसडीओ,बाढ़ की ओर जवाब दायर किया। कार्रवाई रिपोर्ट भी ध्वनि प्रदूषण के विरुद्ध की गयी कार्रवाईयों का ब्यौरा दिया।

कोर्ट ने अदालती आदेश का पूरी तरह पालन नही करने पर थानाध्यक्ष,मसौढ़ी,कदमकुआँ और पीरबहौर थाने को को तलब किया था।चार एसडीपीओ को कोर्ट ने हलफ़नामा दायर करने का निर्देश दिया था ।इन्होंने बताया था कि इनके क्षेत्र में  ध्वनि प्रदूषण का कोई मामला नहीं आया है।पटना सिटी के एसडीओ द्वारा दिये गये कार्रवाई रिपोर्ट की कोर्ट ने  पिछली सुनवाई मे प्रशंसा की थी।एसडीओ,पटना सिटी ने कोर्ट के आदेश का सख्ती से पालन किया।जहाँ नियमों का उल्लंघन कर डीजे बजाया जा रहा था, उसे जब्त किया गया।साथ ही आर्थिक दंड भी लगाया गया।

पटना सिटी और बाढ़ के एसडीओ ने जनता को इस सम्बन्ध में शिकायत दर्ज कराने के सम्पर्क नंबर दिया है।कोर्ट ने अन्य सभी चार एसडीओ  आम जनता के लिए कंट्रोल रूम नंबर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था।

 पूर्व में  कोर्ट ने सभी पुलिस स्टेशनों को दिशा निर्देश पर उठाए गए कदमों के बारे में पूरा रिपोर्ट बोर्ड को भेजना सुनिश्चित करने का आदेश था। यही नहीं, उनके अधिकार क्षेत्र में निर्धारित डेसिबल स्तर पर डीजे बजाना सुनिश्चित करना था।  जो निर्धारित डेसिबल से ज्यादा पर डीजे बजाते हैं उनपर कानून के तहत भारी जुर्माना लगाये।

कोर्ट ने पूर्व में   सभी जिलों के डीएम,एसएसपी और एसपी यह भी सुनिश्चित करने क निर्देश दिया था कि अस्पताल,कॉलेज और स्कूल 'नो हॉर्न जोन' बनाया जाएं। सार्वजनिक संबोधन प्रणाली,नगर निगम के वाहनों के माध्यम से नियमित सूचना प्रसारित करें कि लोग वायु एंव ध्वनि प्रदूषण के महत्व को बताया जाये।

कोर्ट ने जिला के सभी वरीय अधिकारियों को दिशा निर्देश का पालन करने के बारे में विस्तृत रिपोर्ट प्रदूषणरहित  नियंत्रण बोर्ड को देने का निर्देश दिया था।इस याचिका की सुनवाई के दौरान सहयोग करने के लिए कोर्ट ने सरकारी अधिवक्ता ने  अजय को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया था।सरकारी अधिवक्ता प्रशांत प्रताप को सरकारी पक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।

कोर्ट ने राज्य के डीजीपी को यह सुनिश्चित करनके को भी कहा था कि फोन नंबर 112 पर पुलिसकर्मी शिकायतों को दर्ज करे।आम लोगों को इस व्यवस्था से काफी सुविधा होगी। कोर्ट ने कहा था  कि उन्हें यह समझना होगा कि ध्वनि व वायु प्रदूषण राजधानी के नागरिकों, विशेषकर वृद्धों, शिशुओं और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य पर भारी असर डालता है।इस मामलें पर अगली सुनवाई 17 अक्टूबर,2025 को होगी।