patna highcourt - बिना किसी आरोप के युवक को गिरफ्तार कर ले गई हरियाणा पुलिस, कार्रवाई से हाईकोर्ट भी हैरान, कहा – तुरंत रिहा करो

patna highcourt - पटना से बिना किसी आरोप के युवक को गिरफ्तार कर हरियाणा ले जाने के मामले में हाईकोर्ट ने हैरानी जताई है और युवक को छोड़ने का निर्देश दिया है।

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Patna - पटना हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी का कारण बताए बिना आवेदिका के पुत्र को गिरफ्तार करने पर पुलिस को आड़े हाथ लेते हुए उसे तुरंत छोड़ने की कार्रवाई करने का आदेश दिया है।जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद और जस्टिस सौरेंद्र पांडेय की खंडपीठ ने शकील प्रवीण की ओर से दायर याचिक पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया।

नियमों का उल्लंघन

आवेदिका की ओर से अधिवक्ता हर्ष सिंह ने कोर्ट को बताया कि हरियाणा पुलिस ने शास्त्री नगर थाना क्षेत्र स्थित घर से आवेदिका के पुत्र फहद हमजा को गिरफ्तार कर उसे अपने साथ हरियाणा ले के चली गई।उनका कहना था कि पुलिस ने गिरफ्तारी का कारण बताए बिना और नियमों का उल्लंघन कर आवेदिका के पुत्र को गिरफ्तार किया है।

उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 22 और बीएनएसएस क धारा 36,38,47 और 48 का हवाला देते हुए कहा कि आवेदिका के बेटे को उसके घर से बिना कुछ बताए उठा लिया गया। यही नहीं,यह भी नहीं बताया गया कि उसे किन आधारों पर गिरफ्तार किया जा रहा है।

उन्होंने राज्य सरकार की ओर से दायर हलफनामा का जिक्र करते हुए कोर्ट को बताया कि पटना के कोर्ट से जो रिमांड आदेश लिया गया है, उसमें गिरफ्तारी का कोई कारण नहीं बताया गया है। सिर्फ प्राथमिकी का जिक्र किया गया है।उनका कहना था कि दर्ज प्राथमिकी में साइबर अपराध से सम्बंधित धारा दिया गया है।जो सात साल से कम की सजा है। ऐसे में पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकती। 

कुरुक्षेत्र की जेल में है बंद

वही राज्य की ओर से कोर्ट को बताया गया कि आवेदिका के पुत्र हरियाणा के कुरुक्षेत्र जेल में बंद है।कोर्ट ने आदेश की जानकारी डीजीपी हरियाणा और एसएचओ कुरुक्षेत्र साइबर थाना को सूचित करने का निर्देश राज्य सरकार को दिया,ताकि कोर्ट आदेश अनुपालन के लिए कुरुक्षेत्र स्थित सक्षम कोर्ट के समक्ष पेश किया जा सकें।

साथ ही आवेदिका के पुत्र फहद हमजा को जाँच में सहयोग करने का आदेश दिया।कोर्ट ने डीजीपी हरियाणा और एसएचओ साइबर क्राइम थाना को जबाबी हलफनामा दाखिल करने का भी आदेश दिया। कोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 17 अकटुबर,2025 तय की गयी है।