Bihar News - पथ निर्माण विभाग के बड़े निर्माण कार्य में फायदेमंद साबित हो रहा है HAM (Hybrid Annuity Maintenance) मॉडल, सरकार की बड़ी चिंता हो गई दूर
Bihar News - बिहार पथ निर्माण विभाग के बड़े प्रोजेक्ट में हम मॉडल फायदेमंद साबित हो रहा है। सरकार को इससे न सिर्फ लागत कम लग रही है, बल्कि दूसरे लाभ भी हो रहे हैं।

Patna - पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन द्वारा विभागीय कांन्फ्रेंस हॉल में HAM (Hybrid Annuity Maintenance) मॉडल से संबंधित प्रेस वार्ता आयोजित की गयी। वार्ता के दौरान विभागीय सचिव संदीप कुमार आर. पुडकलकट्टी एवं विशेष सचिव शिर्षत कपिल अशोक मौजूद रहे।
मीडिया को संबोधित करते हुए मंत्री नवीन ने कहा कि बिहार विधानसभा सत्र के दौरान राज्य में सड़क पुल एवं एक्सप्रेस हाईवेज के निर्माण के लिए HAM पद्धति को अपनाने की घोषणा की गई थी, जिसके उपरांत बिहार राज्य में वृहद इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए HAM Model के अंतर्गत निविदा एवं कार्य योजना के लिए बिहार सरकार के द्वारा पहल की जा रही है। इस पद्धति में मुख्य रूप से deferred payment system होता है।
4 साल निर्माण अवधि, 15 साल रखरखाव
पथ निर्माण मंत्री ने बताया कि HAM आधारित परियोजनाओं की निर्माण की अवधि 4 वर्ष की होती है तथा निर्माण के बाद अगले 15 वर्ष तक इसका रख-रखाव का कार्य संवेदक के द्वारा किया जाता है। 4 वर्ष के निर्माण अवधि में सरकार द्वारा कुल परियोजना लागत का मात्र 40% भुगतान ही संवेदक को किया जाने का प्रावधान है तथा शेष 60% की राशि संवेदक के द्वारा निर्माण कार्य में लगायी जाएगी। इस model के अंतर्गत संवेदकों द्वारा निर्माण में निवेश किया जाएगा तथा 15 वर्षों तक निर्मित संरचना का रख-रखाव किया जाएगा।
सरकार के बजट का बोझ होगा कम
पथ निर्माण मंत्री नवीन ने आगे कहा कि इस model से सरकार द्वारा परियोजनाओं की बजट पर बोझ कम होगा तथा इस बचत से कई अन्य प्रस्तावित संरचनाओं पर बची हुई राशि से कार्य शुरु किया जा सकेगा। यह एक प्रकार का Public Private Partnership model है।
15 साल में शेष 60 परसेंट का भुगतान
मंत्री ने बताया कि HAM मॉडल के तहत सरकार द्वारा संवेदक को 60% राशि का भुगतान अगले 15 वर्षों तक ब्याज सहित भुगतान किया जाएगा। वहीं, Operation और Maintenance का काम भी संवेदक द्वारा किया जाएगा जिसके लिए सरकार अलग से राशि उपलब्ध कराएगी।
15 साल बाद राज्य सरकार की जिम्मेदारी
HAM मॉडल के तहत Toll Collection का अधिकार राज्य सरकार का होता है एवं संवेदक के द्वारा maintenance के 15 वर्षों बाद पुनः asset को सरकार को वापस कर दी जाती है। इस मॉडल के अंतर्गत जो संवेदक तकनीकी रूप से जिनकी निविदा सफल घोषित की जाएगी तथा तकनीकी रूप से सफल निविदादाता को निम्नतम प्रोजेक्ट कॉस्ट के आधार पर संविदा दी जाएगी।
2047 तक बिहार में इन प्रोजेक्ट में हम मॉडल का प्रयोग
मंत्री नवीन ने आगे कहा कि बिहार राज्य में सड़कों के 2047 विकसित बिहार के लक्ष्य के अनुरूप हाईब्रिड एनवीटि मॉडल पर भारत सरकार की तर्ज पर अंतराष्ट्रीय स्तर के अनुरूप सड़कों का निर्माण कराये जाने के दिशा में पहला कदम जे.पी.गंगा पथ में दीघा से कोईलवर तक गंगा नदी के किनारे At-grade/ Elevated सड़क को HAM मॉडल के तहत Contract Award करने की दिशा में कदम उठाया गया है।
वहीं, अब मुंगेर में साफियाबाद से बरियारपुर घोरघट और सुल्तानगंज से भागलपुर होते हुए सबौर तक गंगा के किनारे 4 लेन एट-ग्रेड रोड एवं 4 लेन एलिवेटेड रोड का निर्माण भी Hybrid Annuity Maintenance के अंतर्गत किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि मुंगेर में साफियाबाद से बरियारपुर घोरघट और सुल्तानगंज से भागलपुर होते हुए सबौर तकइस परियोजना को 2 खंड में क्रियान्वित किया जाएगा। प्रथम खंड में मुंगेर में साफियाबाद से बरियारपुर घोरघट होते हुए सुल्तानगंज तक इसकी लम्बाई 42 किमी है। जिसमें पैट ग्रेड सड़क 29.25 किमी जिसमें 14 लघु VUP होंगे तथा 13 वृहद VUP का निर्माण किया जाएगा।
इसमें 12.72 कि.मी. एलिवेटेड सड़क होगा तथा परियोजना की लागत लगभग रु. 5120 करोड़ की होगी। इस खण्ड में 2 टोल प्लाजा का निर्माण किया जाएगा तथा गंगा के किनारे 16 घाटों का उन्नयन होगा। लगभग 5000 वर्ग मीटर क्षेत्र में विश्राम स्थल का निर्माण किया जाएगा। जो पर्यटन की दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण होगा।
दूसरे खण्ड में सुल्तानगंज से भागलपुर होते हुए सबौर तक 40.80 कि.मी. का यह मार्ग होगा जिसमें 26.056 कि.मी. एटग्रेड सड़क तथा 14.76 कि.मी. एलिवेटेड सड़क का निर्माण किया जाएगा। इसमें लघु VUP की संख्या 11 होगी तथा वृहद् VUP की संख्या 16 होगी।
इस खण्ड में एक टॉल प्लाजा का निर्माण किया जाएगा तथा परियोजना के अन्तर्गत 07 घाट का उन्नयन, लगभग 2000 वर्ग मीटर में विश्राम स्थल तथा 02 स्पर का निर्माण किया जाएगा। इस खण्ड के निर्माण में लगभग 4850 करोड़ की लागत आएगी। इस प्रकार साफियाबाद से सबौर तक गंगा के किनारे गंगा पथ के निर्माण पर लगभग 9960 करोड़ की लागत आएगी। HAM मॉडल में संवेदकों के रुझान काफी देखा जा रहा है तथा बिहार राज्य इस मॉडल को निविदा हेतु प्रस्तावित परियोजनाओं में लागू कर रही है।
पथ निर्माण मंत्री नवीन ने बताया कि राज्य में प्रस्तावित कई Expressway, बिहार के प्रमुख नदियों पर पुल एवं सड़कों के निर्माण में इस मॉडल को लागू किया जाएगा।