स्कूल में गलती करने पर मैडम ने दी अनोखी सजा, कॉपी पर 20 पन्नों पर लिखवाई भद्दी गालियां, इस जगह का है मामला

स्कूल में गलती करने पर मैडम ने दी अनोखी सजा, कॉपी पर 20 पन्न

Dhanbad - स्कूल में अक्सर छात्रों की गलती पर टीचर उन्हें सजा  देते हैं। कई बार डंडे से पीटा जाता है, मूर्गा बनाया जाता है। लेकिन अब स्कूल में मैडम ने ऐसी सजा सुना दी है कि मामला जिले के चाइल्ड वेलफेयर तक पहुंच गया है। 

मामला धनबाद के सेंट मैरी चर्च स्कूल से जुड़ा है। इस स्कूल की दो महिला शिक्षकों ने मामूली झगड़े पर चौथी कक्षा के एक बच्चे को अजीबोगरीब सजा दे दी।

होमवर्क मे दिया गालियां लिखने का टास्क

उससे 15-20 पन्ने की अश्लील गालियां लिखवाई गईं। साथ ही उसे गालियां लिखकर लाने का होमवर्क भी दिया गया। घटना को लेकर उसकी मां ने स्कूल प्रबंधन से शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

कुसुम विहार में रहने वाली बच्चे की माँ ने बताया कि सोमवार सुबह वह बच्चे को स्कूल छोड़कर गई थी। जब वह उसे लेने गई तो बच्चा डरा हुआ था। उसने बताया कि किसी बच्चे ने उसकी पीठ पर 'पागल' लिखकर उस पर एक कागज़ फेंक दिया था। जब उसने शिकायत की, तो टीचर ने कहा कि यह तो तुम्हारी रोज की आदत है।

बाद में किसी ने टीचर से उसके गाली-गलौज करने की शिकायत की। उसने टीचर से कहा कि उसने गाली नहीं दी, अगर वह चाहे तो सीसीटीवी देख सकती है। बच्चे ने रोते हुए अपनी कॉपी माँ को दिखाई। 

कॉपी देखकर उसकी मां दंग रह गई। उसमें सिर्फ़ 15-20 पन्ने गालियाँ लिखी थीं। बच्चे ने बताया कि मैडम ने उससे गालियाँ लिखवाई थीं। उसकी माँ ने बताया कि उसे होमवर्क में भी गालियाँ लाने को कहा गया था।

दोनों टीचरों को हटाने का आदेश

स्कूल प्रबंधन ने बताया कि उन्हें छुट्टियों के बाद अभिभावकों से मामले की जानकारी मिली। स्कूल प्रबंधन समिति को सूचित किया गया, जिस पर दोनों महिला शिक्षकों को तुरंत हटाने का आदेश दिया गया।

प्रिंसिपल ने कहा कि बच्चे की गाली देने की आदत सुधारने के लिए उसे बार-बार गालियां लिखवाई गईं। लेकिन सजा का यह तरीका बिल्कुल गलत है। उन्होंने इस मामले में बच्चे के अभिभावकों से माफी मांगी। बच्चे की मां ने कहा, उन्होंने उसे गालियां लिखने का होमवर्क दिया था।

सीडब्लूसी करेगी कार्रवाई

मामले में लिखित शिकायत मांगी गई है। मामला बेहद गंभीर है। किशोर न्याय अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

-उत्तम मुखर्जी, अध्यक्ष, सीडब्ल्यूसी