पीएमसीएच में हुआ बड़ा खेला! प्रिंसिपल नियुक्ति में स्वास्थ्य विभाग ने वरीयता क्रम को किया दरकिनार, जूनियर पर मेहरबान

पीएमसीएच में प्रिंसिपल की नियुक्ति का मामला विवादों में घिर गया है. स्वास्थ्य विभाग पर वरीयता क्रम को दरकिनार कर जूनियर पर महेरबानी दिखाने की बातें सामने आ रही है.

PMCH
PMCH- फोटो : news4nation

Bihar News: दुनिया के कुछ सबसे बड़े अस्पताल में शामिल होने के बाद पटना का पीएमसीएच अक्सर ही अव्यवस्था को लेकर विवादों में घिरा रहता है. पीएमसीएच में अब ताजा विवाद जूनियर पर मेहरबानी दिखाने को लेकर है. सूबे के सबसे बड़े अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल (पीएमसीएच) में प्रिंसिपल की नियुक्ति में वरीयता क्रम को दरकिनार करने की बातें सामने आई हैं. स्वास्थ्य विभाग की ओर से 30 जून को जारी अधिसूचना में डॉ कौशल किशोर को अतिरिक्त प्रभार देते हुए पटना मेडिकल कॉलेज का प्राचार्य नियुक्त किया गया है. इतना ही नहीं उन्हें पटना मेडिकल कॉलेज का वित्तीय प्रभार भी दिया गया है. 


हालांकि पीएमसीएच के प्राचार्य पद पर नियुक्त होने वाले डॉ कौशल किशोर वरीयता क्रम में जूनियर बताए जा रहे हैं. प्रिंसिपल पद की दौड़ में जो अन्य प्रोफेसर शामिल माने जा रहे थे उसमें मनोरोग विभाग के प्राध्यापक डॉ नरेंद्र प्रताप सिंह वरीयता में शीर्ष पर थे. डॉ नरेंद्र प्रताप सिंह की सेवानिवृत्ति भी 31 दिसम्बर 2026 है जबकि डॉ कौशल किशोर 31 जनवरी 2026 को सेवानिवृत्त होंगे. ऐसे में डॉ नरेंद्र प्रताप सिंह पर डॉ कौशल किशोर को तरजीह देने से पीएमसीएच एक बार फिर विवादों में हैं. 


स्थानांतरण से उठा सवाल

इतना ही नहीं डॉ नरेंद्र प्रताप सिंह का तबादला भी अब पीएमसीएच से बाहर मानसिक रोग आपदा प्रबंधन खाद्य एवं औषधि नियंत्रण में निदेशक प्रमुख के पद किया गया है. 30 जून को ही डॉ नरेंद्र प्रताप सिंह को स्थानांतरित करने का आदेश आया. इस मामले में डॉ नरेंद्र प्रताप सिंह से बात करने पर उन्होंने कहा कि नए प्राचार्य की नियुक्ति और उनके तबादला में स्पष्ट है कि वरीयता क्रम को दरकिनार किया गया है. प्रिंसिपल के रूप में नियुक्ति के क्रम में वही पदानुक्रम में शीर्ष पर थे. लेकिन उन्हें न केवल प्रिंसिपल के पद से दूर किया गया है बल्कि निदेशक प्रमुख बनाकर उन्हें पीएमसीएच से ही बाहर कर दिया गया है. 


PMCH के अधीक्षक पर भड़के थे तेजस्वी यादव

पिछले महीने ही जब मुजफ्फरपुर की रेप पीड़िता को पटना के पीएमसीएच में घंटों बेड नहीं मिला था तब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पीएमसीएच में नियुक्ति प्रक्रिया में मापदन्डों का ध्यान नहीं रखने की बातें कही थी.  उन्होंने कहा कि PMCH के अधीक्षक आई.एस ठाकुर 31 जनवरी 2024 को रिटायर होने वाले थे। 28 जनवरी को महागठबंधन सरकार गयी और नई सरकार बनी 31 जनवरी को कोई भी स्वास्थ्य मंत्री नहीं थे. लेकिन  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वयं इनके अवधि विस्तार की संचिका पर हस्ताक्षर किए, फिर बाद में कैबिनेट में इसे लाया गया. जनवरी 2025 में फिर इन्हें अवधि विस्तार दिया गया. तब उन्होंने डीके टैक्स का जिक्र करते हुए नियुक्ति में अनियमितता को लेकर चिंता जताई थी.