Bihar Voter List Revision: क्या आपका नाम वोटर लिस्ट में है? बिहार में वोटर लिस्ट का‘बड़ा ऑपरेशन’, 65 लाख नाम होंगे गायब, 7.23 करोड़ मतदाताओं का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार, 1 अगस्त से नई लड़ाई शुरू

Bihar Voter List Revision:बिहार मेंमतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण का पहला दौर पूरा हो गया। इसमें 65 लाख नाम काटे जा सकते हैं, 7.23 करोड़ मतदाताओं का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार हो गया है...

Bihar Voter List Revision
क्या आपका नाम वोटर लिस्ट में है? - फोटो : social Media

Bihar Voter List Revision:बिहार में लोकतंत्र के महासंग्राम की पहली तैयारी पूरी हो चुकी है। चुनाव आयोग के निर्देश पर 24 जून से शुरू हुआ मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) शनिवार को अपने पहले चरण की आख़िरी सीढ़ी पार कर गया है। इसके साथ ही, ईसीआई नेट पोर्टल बंद कर दिया गया, जहां बीएलओ और मतदाता अपने आंकड़े अपलोड कर रहे थे।

पहले चरण में राज्य में कुल 7.90 करोड़ मतदाताओं में से 7.23 करोड़ लोगों ने फॉर्म भरकर अपने दस्तावेज आयोग को सौंपे, जो अब डिजिटल रूप से सुरक्षित रूप में संग्रहित हैं। आयोग की मानें तो यह 99.8% की अभूतपूर्व भागीदारी है — जो बताती है कि इस बार जनता मतदान को लेकर गंभीर है।लेकिन इस प्रक्रिया में एक और बड़ा खुलासा हुआ कि 65.2 लाख मतदाताओं के नाम हटाए जाने की तैयारी है।

यह आंकड़ा चौंकाने वाला है, लेकिन आयोग इसे "सूची से मृत, स्थानांतरित, या फर्जी नामों को हटाने की जरूरी प्रक्रिया" बता रहा है।

राजनीतिक हलकों में खलबली मची हुई है। कई दलों ने आशंका जताई है कि यह प्रक्रिया मतदाता बहिष्करण का माध्यम बन सकती है। हालांकि आयोग ने बार-बार स्पष्ट किया है कि कोई भी योग्य मतदाता छूटेगा नहीं, और आने वाले चरणों में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकेगा।

चुनाव आयोग के अनुसार 1 अगस्त को प्रारूप मतदाता सूची का प्रकाशन होगा।1 से 30 अगस्त तक दावा-आपत्ति दर्ज की जा सकेगी।

जिनके नाम सूची में नहीं आए हैं, उन्हें निर्धारित फॉर्म में आवेदन और दस्तावेज जमा करने होंगे।प्रक्रिया ऑनलाइन और बीएलओ दोनों स्तरों पर चलेगी।

यह पुनरीक्षण आने वाले विधानसभा चुनावों में निर्णायक साबित हो सकता है। बड़े पैमाने पर मतदाता सूची में नाम जोड़ने और हटाने की प्रक्रिया से राजनीतिक समीकरण भी प्रभावित हो सकते हैं।

साफ है, चुनाव से पहले आयोग 'एक-एक वोट' को शुद्ध, सटीक और पारदर्शी बनाने की कवायद में कोई कसर नहीं छोड़ रहा। मगर इस बीच यह भी जरूरी है कि हर मतदाता खुद को अपडेट करे, ताकि "वोट का हक़" वोट की गिनती में शामिल हो, और लोकतंत्र की असली तस्वीर उभर सके।

अगर आपका नाम लिस्ट में नहीं है, तो दावा करें  वरना चुनाव में आपका हक किसी और के नाम पर इस्तेमाल हो सकता है।