Jagdeep Dhankhar resignation: जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार के नाम पर चर्चा! जानें JDU का बयान
Jagdeep Dhankhar resignation: जगदीप धनखड़ ने 2025 में अचानक उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया। नीतीश कुमार को लेकर सियासी अटकलें तेज हैं। आरजेडी और जेडीयू आमने-सामने। जानिए क्या है पूरा मामला।

Jagdeep Dhankhar resignation: जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई, 2025 की रात उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया। यह इस्तीफा उस समय आया जब उनका कार्यकाल अभी 2027 तक बाकी था। अगले ही दिन राष्ट्रपति द्वारा इसे स्वीकार भी कर लिया गया। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह सामान्य इस्तीफा था या इसके पीछे कुछ बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम छिपा है?
चुनावी साल में इस इस्तीफे ने राजनीतिक गलियारों में तूफान ला दिया है। बिहार, जो पहले से ही गठबंधन और दल-बदल की राजनीति का गढ़ रहा है, एक बार फिर राष्ट्रीय सियासत के केंद्र में आ गया है।
आरजेडी का दावा: 'नीतीश उपराष्ट्रपति बन सकते हैं'
आरजेडी विधायक मुकेश रोशन ने ABP न्यूज़ से बातचीत में बड़ा दावा करते हुए कहा कि धनखड़ का इस्तीफा नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति बनाने की तैयारी का हिस्सा है। उन्होंने यह तक कह दिया कि अगला इस्तीफा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का हो सकता है।
उनका आरोप है कि बीजेपी बिहार में अपनी सरकार चाहती है और नीतीश कुमार के करीबियों को अपने साथ जोड़कर जेडीयू को कमजोर कर रही है। "खेला शुरू हो चुका है," उन्होंने अपने बयान में स्पष्ट किया।
जेडीयू का पलटवार 'नीतीश कहीं नहीं जा रहे'
आरजेडी के दावों पर जेडीयू की ओर से भी सख्त प्रतिक्रिया आई। मंत्री मदन सहनी ने कहा कि नीतीश कुमार उपराष्ट्रपति नहीं बनेंगे। वह बिहार के मुख्यमंत्री हैं और आगे भी रहेंगे। उन्होंने कहा, “आरजेडी बेबुनियाद और झूठे दावे कर रही है।”मदन सहनी के अनुसार, जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया है और इसे नीतीश कुमार से जोड़ना राजनीतिक दुर्भावना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि एनडीए में जबरदस्ती नहीं की जाती।
बिहार की राजनीतिक अस्थिरता: नया समीकरण?
बिहार की राजनीति पहले भी कई बार अस्थिरता और गठबंधन बदलने के लिए जानी गई है। नीतीश कुमार खुद कई बार महागठबंधन और एनडीए के बीच बदलाव करते रहे हैं। इस बार भी अगर उपराष्ट्रपति पद की पेशकश की गई हो तो यह उनके लिए एक सम्मानजनक विदाई का रास्ता भी हो सकता है – लेकिन यह पूरी तरह से राजनीतिक परिस्थितियों और उनकी व्यक्तिगत प्राथमिकताओं पर निर्भर करेगा।अगर नीतीश इस्तीफा देते हैं तो बीजेपी को मौका मिलेगा कि वह मुख्यमंत्री पद पर अपना चेहरा सामने लाए और चुनाव पूर्व जनता को एक नया नेतृत्व दे सके।