Muslims & Iftar : मुसलमानों के मुद्दे पर एनडीए में दरार ! भाजपा को सहयोगी दल ने दिया झटका, मुस्लिमों के रुख से जदयू की बढ़ी टेंशन
मुसलमानों के मुद्दे पर आक्रामक रुख अपनाने वाली भाजपा को अपने ही सहयोगी दलों ने टेंशन देने शुरू कर दिया है. स्थिति है कि बिहार में जहां मुस्लिम संगठनों ने सीएम नीतीश कुमार के इफ्तार पार्टी का बहिष्कार करने का ऐलान कर जदयू की परेशानी बढ़ा दी है वहीं जद

Muslims & Iftar : एनडीए में मुसलमानों के मुद्दे पर दो फाड़ वाली स्थिति देखने को मिल रही है. नतीजा है कि जहां बिहार में जदयू की इफ्तार पार्टी का मुसलमानों के कई संगठनों ने बहिष्कार करने का फैसला लिया है, वहीं कर्नाटक में एनडीए के घटक दल ही एक दूसरे के विरोध में उतर गए हैं. एक ओर भाजपा ने कर्नाटक में मुसलमानों को सरकारी टेंडरों में 4 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के खिलाफ विरोध छेड़ रखा है तो दूसरी ओर एनडीए में ही शामिल भाजपा की सहयोगी पार्टी जनता दल (एस) ने खुद को इस मुद्दे पर भाजपा से अलग कर लिया है. जेडीएस नेताओं ने अपने विधायकों को विरोध प्रदर्शन में शामिल न होने की सलाह दी है.
जेडीएस की ओर से कहा गया है कि "हम पार्टी की विचारधारा और सिद्धांतों से समझौता नहीं करेंगे. हम महंगाई, लोगों तक गारंटी न पहुंचने, कुशासन, भ्रष्टाचार आदि के खिलाफ लड़ाई में भाजपा का साथ देंगे. लेकिन जेडीएस सुप्रीमो एचडी देवेगौड़ा ने मुसलमानों को 4 प्रतिशत आरक्षण दिया था. इसलिए हम इस लड़ाई में भाजपा का साथ नहीं दे सकते."
दरअसल, भाजपा का कहना है कि मुस्लिम आरक्षण संविधान के खिलाफ है. भाजपा ने कहा है कि हम कांग्रेस के खिलाफ इस लड़ाई को तार्किक अंजाम तक ले जाएंगे. हम पार्टी नेताओं से चर्चा करेंगे और जल्द ही आंदोलन की योजना बनाएंगे. इसी मुद्दे पर कर्नाटक विधानसभा से 18 भाजपा विधायकों को छह महीने के लिए निलंबित किया गया है.
बिहार में भी मुसलमानों ने दिया झटका
सीएम नीतीश के दावत-ए-इफ्तार का बिहार झारखंड और उड़ीसा के प्रमुख मुस्लिम संगठन ने बहिष्कार कर दिया है. मुस्लिम संगठन में साफ कर दिया है कि सीएम के दावत में कोई मुसलमान हिस्सा नहीं लेगा. इन संगठनों की ओर से नीतीश कुमार को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि यह फैसला आपकी ओर से प्रस्तावित वक्फ संशोधन बिल 2024 के समर्थन के खिलाफ विरोध के तौर पर लिया गया है.
सीएम पर लगाया आरोप
पत्र लिखने वाले संगठनों में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, इमारत-ए-शरिया, जमीयत उलेमा हिंद, जमीयत अहले हदीस, जमात-ए-इस्लामी हिंद, खानकाह मुजीबिया और खानकाह रहमानी शामिल हैं. बिल्कुल स्पष्ट अंदाज में लिखे गए पत्र में इन संगठनों ने नौतीश कुमार से कहा है कि आपने धर्मनिरपेक्ष शासन और अल्पसंख्यकों के अधिकार की सुरक्षा के वादे पर सत्ता हासिल की थी लेकिन भाजपा के साथ आपका गठबंधन और अतार्किक व असंवैधानिक वक्फ संशोधन बिल को आपका समर्थन आपके उन्हीं वादों का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन है.