भीतरघातियों पर बरसा नीतीश का 'हंटर' : 2 पूर्व जिला अध्यक्षों सहित 8 बड़े नेताओं को पार्टी से किया बाहर, कार्रवाई से मचा हड़कंप!

भीतरघात पर जदयू में बड़ा एक्शन हुआ है! दो पूर्व जिला अध्यक्षों समेत 8 दिग्गज नेताओं को 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया गया है। बताया गया कि जांच रिपोर्ट में दोषी पाए जाने पर गाज गिरी है।

भीतरघातियों पर बरसा नीतीश का 'हंटर' : 2 पूर्व जिला अध्यक्षों

Patna - बिहार की सियासत से इस वक्त की सबसे बड़ी खबर पूर्णिया जिले से आ रही है, जहाँ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने भीतरघातियों और अनुशासनहीन नेताओं के खिलाफ 'सर्जिकल स्ट्राइक' कर दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश और प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा की मुहर के बाद पार्टी ने दो पूर्व जिला अध्यक्षों सहित कुल आठ कद्दावर पदाधिकारियों को दूध में से मक्खी की तरह निकाल कर बाहर कर दिया है। इन सभी को अगले छह वर्षों के लिए निष्कासित करते हुए नेतृत्व ने स्पष्ट कर दिया है कि संगठन से ऊपर कोई भी व्यक्ति नहीं है।

पार्टी के भीतर मची इस खलबली में जिन नामों पर गाज गिरी है, वे पूर्णिया की राजनीति में रसूखदार माने जाते थे। प्रदेश अध्यक्ष द्वारा जारी सूची में पूर्व जिला अध्यक्ष राकेश कुमार और युवा जदयू के पूर्व जिला अध्यक्ष सचिन मेहता जैसे नाम शामिल हैं। इनके अलावा प्रदेश सचिव नीलू सिंह पटेल, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव आजाद, जिला महासचिव पूरन सिंह पटेल, कसबा के रितेश आनंद, डगरूआ के मनोज कुमार दर्वे और मीडिया संयोजक प्रदीप कुमार मेहता को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।

राजनीतिक गलियारों में इस कार्रवाई को जदयू की 'क्लीनअप ड्राइव' के रूप में देखा जा रहा है। दरअसल, विधानसभा चुनाव के दौरान इन नेताओं पर गठबंधन के अधिकृत प्रत्याशियों की पीठ में छुरा घोंपने और पर्दे के पीछे से विरोधी गतिविधियों को हवा देने के गंभीर आरोप लगे थे। पार्टी नेतृत्व को लगातार गुप्त शिकायतें मिल रही थीं कि ये दिग्गज नेता संगठन में रहकर ही संगठन की जड़ें खोदने का काम कर रहे थे।

इस बड़ी कार्रवाई से पहले जदयू ने पूरी मुस्तैदी के साथ जांच प्रक्रिया पूरी की। मुख्यालय प्रभारी अनिल कुमार के अनुसार, एक तीन सदस्यीय विशेष जांच दल ने पूर्णिया का दौरा कर जमीनी स्तर पर इन शिकायतों की पड़ताल की थी। जांच रिपोर्ट में जब इन नेताओं की संलिप्तता के पुख्ता प्रमाण मिले और वे दोषी पाए गए, तभी आलाकमान ने बिना देर किए निष्कासन का कड़ा फैसला लिया।

जदयू की इस आक्रामक कार्रवाई ने जिले के अन्य पदाधिकारियों की भी नींद उड़ा दी है। दो पूर्व जिला अध्यक्षों पर एक साथ एक्शन लेकर नीतीश कुमार की पार्टी ने यह कड़ा संदेश दिया है कि अनुशासन के साथ समझौता करने वाले "सियासी विभीषणों" के लिए जदयू में कोई जगह नहीं है। यह कार्रवाई न केवल पूर्णिया बल्कि पूरे बिहार के संगठन के लिए एक चेतावनी है कि चुनाव में गद्दारी करने वालों का हश्र यही होगा।