Patna High Court: न्यायिक मजिस्ट्रेट की याचिका खारिज, हाई कोर्ट ने सीबीआई को सौंपा मामला

Patna High Court: पटना हाईकोर्ट ने निलंबित न्यायिक पदाधिकारी प्रतीक शैल की याचिका खारिज करते हुए उनकी पत्नी की मृत्यु से जुड़े दहेज हत्या मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो को सौंपने का आदेश दिया।

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न्यायिक मजिस्ट्रेट की याचिका खारिज- फोटो : social Media

Patna High Court: पटना हाईकोर्ट ने निलंबित न्यायिक पदाधिकारी प्रतीक  शैल की याचिका खारिज करते हुए उनकी पत्नी की मृत्यु से जुड़े दहेज हत्या मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो को सौंपने का आदेश दिया। यह आदेश जस्टिस विवेक चौधरी ने पारित किया। 

याचिकाकर्ता ने आलमगंज थाना कांड संख्या 747/2023 के तहत दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की थी, जिसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 304B के तहत दहेज हत्या का आरोप था।कोर्ट ने प्रथम दृष्टया साक्ष्यों और राज्य पुलिस की लापरवाही—विशेषकर आईपीसी की धारा 498ए और दहेज निषेध अधिनियम की धाराएँ 3 व 4 शामिल न करने—को देखते हुए ये मामला सीबीआई को सौंपा। 

कोर्ट ने अन्वेषण अधिकारी को निर्देशित किया कि 19 अप्रैल, 2025 तक केस डायरी व जब्त दस्तावेज सीबीआई को सौंपे जाएं। साथ ही, याचिकाकर्ता को आदेश की तिथि से तीन दिनों के भीतर पटना के एसीजेएम 6 के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया गया। सीबीआई को धारा 304A, 498A और दहेज निषेध अधिनियम की धाराएँ जोड़ने की भी अनुमति दी गई। याचिकाकर्ता की ओर से यह दावा किया गया कि मृतका की मृत्यु पेट की टीबी से हुई थी।

इस मामलें में शिकायतकर्ता का आरोप था कि 11मई,2022 उनकी बेटी का विवाह  हिंदू रीति-रिवाज से याचिकाकर्ता से हुआ था।शादी के एक महीने बाद ही याचिकाकर्ता ने दहेज़ के लिए उनकी बेटी को मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने लगा।इसके बाद याचिकाकर्ता  अन्य आरोपियों ने  दहेज़ के रुपयों की मांग नहीं पूरी होने पर उनकी बेटी की हत्या कर दी।याचिकाकर्ता की ओर  से वरीय अधिवक्ता निवेदिता निर्विकार ने कोर्ट को बताया कि  मृतिका के मेडिकल परिस्क्रिप्शन के अनुसार वह पुरानी और गंभीर पेट की टीबी व कई अन्य जटिलताओं से पीड़ित थी,लेकिन उन्होंने कभी इस बारे में ससुराल वालों को नहीं बताया।