Lalu Prasad Yadav: भूमि के बदले नौकरी' घोटाले में फंसे लालू ! राष्ट्रपति की मुहर के बाद अब मुकदमा तय,23 मई को अहम सुनवाई
Lalu Prasad Yadav:प्रवर्तन निदेशालय ने एक बड़ा खुलासा करते हुए सूचित किया कि कथित "भूमि-के-लिए-नौकरी घोटाले" में धन शोधन मामले में राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख और पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद पर मुकदमा चलाने की मंजूरी मिल गई है।

DELHI: दिल्ली की अदालत में बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय ने एक बड़ा खुलासा करते हुए सूचित किया कि कथित "भूमि-के-लिए-नौकरी घोटाले" में धन शोधन मामले में राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख और पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद पर मुकदमा चलाने की मंजूरी मिल गई है। यह घोटाला उस समय का है जब लालू रेल मंत्रालय की कमान संभाल रहे थे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 8 मई, 2025 को सीआरपीसी की धारा 197(1) (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 218) के तहत लालू के खिलाफ अभियोजन को हरी झंडी दी।
23 मई को होगी अगली सुनवाई
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने ED द्वारा गृह मंत्रालय से प्राप्त मंजूरी को रिकॉर्ड में दर्ज करने के आवेदन पर विचार करते हुए मामले को 23 मई, 2025 के लिए सूचीबद्ध किया। ED की ओर से अधिवक्ता मनीष जैन ने अदालत में पक्ष रखा। इस घटनाक्रम ने बिहार की सियासत में हलचल मचा दी है।
लालू परिवार पर ED की पैनी नजर
ED ने इस मामले की गहन जांच के बाद पिछले साल अगस्त में लालू प्रसाद, उनके बेटे और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, साथ ही परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। इससे पहले जनवरी 2024 में, ED ने लालू परिवार के कथित सहयोगी अमित कत्याल, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, सांसद बेटी मीसा भारती, बेटी हेमा यादव और दो संबद्ध कंपनियों—एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड और एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड—के खिलाफ पहला आरोप पत्र दायर किया था। अदालत ने हाल ही में दोनों आरोप पत्रों का संज्ञान लिया है।
क्या है "भूमि-के-लिए-नौकरी घोटाला"?
यह सनसनीखेज मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की एक प्राथमिकी से शुरू हुआ, जिसमें आरोप है कि 2004-2009 के दौरान लालू प्रसाद ने रेल मंत्री रहते हुए भारतीय रेलवे में ग्रुप डी के स्थानापन्नों की नियुक्ति में भ्रष्टाचार किया। CBI के अनुसार, नौकरी के बदले उम्मीदवारों या उनके परिवारों से रिश्वत के रूप में जमीन हस्तांतरित करवाई गई, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लालू के परिवार के सदस्यों के नाम पर दर्ज थी। CBI ने इस मामले में तीन आरोप पत्र भी दाखिल किए हैं।
सियासी तूफान की आहट
लालू प्रसाद और उनके परिवार पर लगे इन गंभीर आरोपों ने बिहार की राजनीति में भूचाल ला दिया है। 76 वर्षीय RJD सुप्रीमो, जो पहले भी कई विवादों में घिर चुके हैं, अब ED और CBI के रडार पर हैं। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, यह मामला और भी तूल पकड़ सकता है। सवाल यह है कि क्या लालू और उनका परिवार इन आरोपों से बच पाएंगे, या यह घोटाला उनकी सियासी विरासत पर गहरा धब्बा लगाएगा? 23 मई को होने वाली सुनवाई पर अब सबकी निगाहें टिकी हैं।