Lalu Prasad Yadav: लालू यादव फिर जाएंगे जेल या मिलेगी राहत ? राबड़ी तेजस्वी की भी बढ़ेगी मुश्किलें! लैंड फ़ॉर जॉब केस पर आज निर्णायक घड़ी, राउज़ एवेन्यू कोर्ट सुना सकता है फैसला
Lalu Prasad Yadav: चर्चित लैंड फ़ॉर जॉब मामले में लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के लिए यह तारीख बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि आरोप तय किए जाने को लेकर कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है।
Lalu Prasad Yadav: दिल्ली के राउज़ एवेन्यू कोर्ट में आज का दिन सियासी हलकों से लेकर न्यायिक गलियारों तक भारी सरगर्मी का सबब बना हुआ है। चर्चित लैंड फ़ॉर जॉब मामले में लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के लिए यह तारीख बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि आरोप तय किए जाने को लेकर कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है। पिछले कई महीनों से चली आ रही सुनवाई आज एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच सकती है, जिसने न सिर्फ़ आरजेडी परिवार बल्कि पूरे बिहार की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है।
सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर आरोप तय करने का मामला लंबे समय से कोर्ट में बहस है। लेकिन इसी दौरान एक दिलचस्प मोड़ तब आया, जब पता चला कि इस केस से जुड़े कुछ आरोपियों की मृत्यु हो चुकी है। स्पेशल जज विशाल गोगने ने सीबीआई को हुक्म दिया कि मृत आरोपियों का पूरा विवरण पेश किया जाए। इसी वजह से अदालत ने तीन बार फैसला टाल दिया पहले 10 नवंबर, फिर 4 दिसंबर और उससे पहले भी एक बार। 25 अगस्त को कोर्ट ने आरोप निर्धारण पर फैसला सुरक्षित रखा था, जबकि सुप्रीम कोर्ट पहले ही ट्रायल रोकने से इनकार कर चुका है।
इस पूरे मुक़दमे की जड़ें वर्ष 2004–2009 के उस दौर से जुड़ी हैं, जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे। सीबीआई का दावा है कि रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र जबलपुर (मध्य प्रदेश) में ग्रुप-डी की नौकरियों के एवज़ में कई उम्मीदवारों ने या उनके परिजनों ने लालू परिवार या उनसे जुड़े लोगों के नाम जमीनें ट्रांसफ़र कीं। आरोप है कि यह पूरा सिलसिला एक संगठित “जमीन के बदले नौकरी” नेटवर्क का हिस्सा था।
7 अक्टूबर 2022 को CBI ने लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती समेत 16 लोगों के खिलाफ पहली चार्जशीट दायर की। इसके बाद 7 जून 2024 को अंतिम चार्जशीट दाखिल हुई, जिसमें कुल 78 आरोपी शामिल हैं। इनमें 38 ऐसे लोग भी बताए गए हैं जिन्हें कथित तौर पर रेलवे की नौकरी मिली थी।
कानूनी लिहाज़ से यह मुकदमा जितना पेचीदा है, राजनीतिक तौर पर उतना ही विस्फोटक। लालू परिवार के लिए आज का फैसला सिर्फ़ अदालत का आदेश नहीं बल्कि एक ऐसी दस्तक है जो आने वाले समय में बिहार की राजनीति का मिज़ाज भी बदल सकती है। अब सबकी निगाहें राउज़ एवेन्यू कोर्ट पर टिकी हैं, जहां आज की सुनवाई सियासी सफ़र की नई कहानी लिख सकती है।