Education News: एमबीए एडमिशन में बड़ा बदलाव, बिना लिखित परीक्षा मिलेगा दाख़िला, पूरी प्रक्रिया जान लीजिए
Education News: 2026 बैच से एमबीए में दाख़िला अब लिखित परीक्षा के बग़ैर होगा एक ऐसा फ़ैसला जो पारदर्शिता और मेरिट आधारित चयन को नई दिशा देता है।
Education News: राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के मुताबिक़ ट्रिपलआईटी ने अपने मैनेजमेंट शिक्षा ढांचे में ऐसा तब्दील-ए-बुनियादी किया है, जिसने अकादमिक हलकों में नई बहस छेड़ दी है। 2026 बैच से एमबीए में दाख़िला अब लिखित परीक्षा के बग़ैर होगा एक ऐसा फ़ैसला जो पारदर्शिता और मेरिट आधारित चयन को नई दिशा देता है। दरअसल, लिखित परीक्षा में स्थानीय उम्मीदवारों की तादाद ज़रूरत से ज़्यादा और बाहरी छात्रों की मौजूदगी कम होती जा रही थी, जिससे यह प्रक्रिया अपने मक़सद को पूरा नहीं कर पा रही थी। इसी ग़ैर-मुनासिब तसवीर को देखते हुए संस्थान ने दख़िले की नयी हाइब्रिड प्रक्रिया लागू की है।
नई स्कीम के मुताबिक, कुल 100 अंकों की प्रवेश प्रणाली में 50 अंक मौखिक सवाल-जवाब यानी सिनारियो-बेस्ड प्रॉब्लम सॉल्विंग के होंगे और बाक़ी 50 अंक इंटरव्यू के। इस तरह पूरे सिलेक्शन में छात्र की विश्लेषण क्षमता, समस्या समाधान की सलाहियत, और कम्युनिकेशन स्किल का जायज़ा लिया जाएगा। यानी यह नई प्रक्रिया सिर्फ नंबरों का खेल नहीं बल्कि उम्मीदवार की असल काबिलियत को परखने का औज़ार बनेगी।
एमबीए पाठ्यक्रम को भी समय की मांग के मुताबिक़ नया पैकर दिया गया है। 82 क्रेडिट का कोर्स अब 86 क्रेडिट का हो किया गया है, जिसमें चार क्रेडिट का ख़ास स्किल डेवलपमेंट मॉड्यूल शामिल है। यह मॉड्यूल आईआईएम मुंबई, आईआईएम इंदौर और मुल्क की नामी कंपनियों के सहयोग से तैयार हुआ है, जो छात्रों को इंडस्ट्री-रेडी बनाने की मुकम्मल गारंटी देता है। छह दिसंबर को रिलायंस रिटेल मुंबई के वाइस प्रेसिडेंट अनीस खन्ना की मौजूदगी में बोर्ड ऑफ स्टडीज़ ने इस नए निसाब को मंज़ूरी दी, जिसे अब अंतिम स्वीकृति के लिए सीनेट में पेश किया जाएगा।
नया पाठ्यक्रम आईटी स्किल-बेस्ड लर्निंग, एडवांस्ड कम्युनिकेशन स्किल्स और बिज़नेस में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल जैसे आधुनिक मॉड्यूल से लैस है। यह बदलाव सिर्फ कोर्स अपडेट नहीं बल्कि एक रणनीतिक क़दम है, जो छात्रों को बदलते कारोबारी माहौल में मज़बूत पोज़िशन दिलाने में मदद करेगा।
इसके अलावा, ट्रिपलआईटी ने इस बार एक बड़ा कदम उठाते हुए पारंपरिक एमबीए के साथ ई एमबीए कोर्स भी शुरू करने का ऐलान किया है। यह उन प्रोफ़ेशनल्स और छात्रों के लिए नेमत है, जो नौकरी या दूसरी मजबूरियों की वजह से नियमित कक्षाओं में शामिल नहीं हो पाते। साथ ही, मार्केट की बढ़ती मांग और कृषि आधारित उद्योगों के उभार को देखते हुए एग्री बिज़नेस मैनेजमेंट को भी नए स्पेशलाइजेशन के रूप में जोड़ा गया है।
कुल मिलाकर, यह बदलाव सिर्फ़ शैक्षिक सुधार नहीं बल्कि मैनेजमेंट शिक्षा में एक सियासी बयान जैसा हैएक ऐलान कि अब उच्च शिक्षा ताज़ा दौर की ज़रूरतों और बाज़ार की नयी हकीक़तों के साथ कदम मिलाकर चलेगी।