Bihar Transport News: क्या है वो खास डिवाइस जो बिहार की हर गाड़ी में लगाना होगा अनिवार्य? नई व्यवस्था लागू, लापरवाह चालकों पर होगी सख्त कार्रवाई
Bihar Transport News: राज्य की सियासत में सड़क सुरक्षा और सार्वजनिक हित को लेकर सरकार ने सख़्त तेवर अपना लिए हैं।
Bihar Transport News: राज्य की सियासत में सड़क सुरक्षा और सार्वजनिक हित को लेकर सरकार ने सख़्त तेवर अपना लिए हैं। परिवहन मंत्री श्रवण कुमार ने साफ एलान कर दिया कि राज्य में चलने वाले सभी वाणिज्यिक वाहनों में वाहन लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (VLTD) लगाना जल्द ही अनिवार्य होगा। यह बयान सिर्फ़ एक प्रशासनिक सूचना नहीं, बल्कि उस इरादे का इजहार है, जिसमें सरकार अव्यवस्था, लापरवाही और क़ानून तोड़ने की सियासत पर लगाम कसना चाहती है।
विभागीय अधिकारियों के साथ हुई समीक्षा बैठक में जो तस्वीर सामने आई, वह सरकार के लिए चिंता का सबब बनी। अधिकारियों ने मंत्री को बताया कि राज्य के सार्वजनिक यात्री वाहनों में से महज़ 30 से 40 फ़ीसदी में ही ट्रैकिंग सिस्टम और आपातकालीन बटन लगे हैं। हैरानी की बात यह है कि इस काम में 30 एजेंसियां लगी होने के बावजूद उनका प्रदर्शन निराशाजनक पाया गया। यह हाल तब है, जब नियम के मुताबिक 1 जनवरी 2019 के बाद बने सभी सार्वजनिक वाहनों में वीएलटीडी और इमरजेंसी बटन पहले से अनिवार्य हैं।
बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि पुराने सार्वजनिक वाहनों को भी पंजीकरण, परमिट नवीनीकरण, बीमा या फिटनेस जांच के दौरान यह सिस्टम लगवाना ही होगा। इसके अलावा राष्ट्रीय परमिट के तहत चलने वाले वाहनों में ट्रैकिंग सिस्टम होना क़ानूनी मजबूरी है। मंत्री श्रवण कुमार ने दो टूक शब्दों में कहा कि नियमों की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मंत्री ने चिंता ज़ाहिर करते हुए कहा कि ट्रैकिंग सिस्टम की कमी के चलते तेज़ रफ़्तार, रूट नियमों की धज्जियां उड़ाना और अचानक ब्रेक लगाने जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं, जो सड़क हादसों को दावत दे रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामीण इलाकों में भारी वाहनों की बेलगाम आवाजाही से सड़कें और बुनियादी ढांचा तबाह हो रहा है, जिसका खामियाज़ा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।
सरकार का कहना है कि वीएलटीडी सिर्फ़ तकनीकी उपकरण नहीं, बल्कि महिलाओं और बच्चों की हिफ़ाज़त का मजबूत ज़रिया है। यह सिस्टम वाहन की लोकेशन और गति की रियल-टाइम जानकारी देता है और आपात स्थिति में इमरजेंसी बटन के ज़रिए सीधे कंट्रोल रूम से मदद सुनिश्चित करता है। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि तय समय सीमा में अनुपालन नहीं करने वालों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाए।