राजद प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के पहले लालू-तेजस्वी ने बुलाई बड़े नेताओं की बैठक, जदयू छोड़कर आने वाले नेता को मिलेगी सबसे बड़ी जिम्मेदारी

राजद के नए प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए शनिवार को नामांकन होना है. इसे लेकर राजद के कई वरिष्ठ नेताओं का लालू-तेजस्वी की मौजूदगी में राबड़ी आवास आने का सिलसिला सुबह से शुरू हो गया.

Bihar state president of RJD
Bihar state president of RJD- फोटो : news4nation

Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले राजद में बड़ा संगठनात्मक फेरबदल हो रहा है. राजद के नए प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होना है जिसके लिए नामांकन की प्रक्रिया शनिवार को होनी है. इन सबके बीच शनिवार को लालू-तेजस्वी से मिलने के लिए कई वरिष्ठ राजद नेता राबड़ी आवास पहुंचे. अब्दुल बारी सिद्दीकी, भाई वीरेंद्र वीरेंद्र, कार्तिक मास्टर सहित दर्जनों नेताओं का बैठक के लिए आने का सिलसिला जारी रहा. राजद नेताओं का जमावड़ा नए प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव को लेकर माना जा रहा है. मौजूदा अध्यक्ष जगदानंद सिंह की जगह इस बार लालू यादव अपने पुराने साथी और नीतीश कुमार की पार्टी छोड़कर आए मंगनी लाल मंडल को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाने की तैयारी में हैं. आज की बैठक में उनके नाम पर अंतिम मुहर लगनी है. 19 जून को नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा होगी. 


मंगनी लाल मंडल बन सकते हैं नए अध्यक्ष

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, जनता दल यूनाइटेड (JDU) से पांच महीने पहले RJD में शामिल हुए वरिष्ठ नेता मंगनी लाल मंडल नए प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल कर सकते हैं। यदि उनका नामांकन होता है तो उनके निर्विरोध चुने जाने की प्रबल संभावना है क्योंकि पार्टी परंपरा के अनुसार आमतौर पर आंतरिक चुनाव नहीं कराए जाते। इसलिए तय माना जा रहा है कि इसमें एक मात्र नाम के तौर पर मंगनी लाल मंडल रहेंगे और उन्हें अगले प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नई जिम्मेदारी दी जाएगी। बताया जा रहा है कि लालू यादव का आशीर्वाद और तेजस्वी का साथ मंगनी लाल मंडल को मिल चुका है। 

पार्टी में बिना चुनाव परंपरा

RJD में प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर चुनाव की परंपरा नहीं रही है। नामांकन के बाद आम सहमति से नेता को अध्यक्ष पद सौंपा जाता है। ऐसे में मंगनी लाल मंडल का अध्यक्ष बनना लगभग तय माना जा रहा है। मंगनी लाल मंडल को प्रदेश अध्यक्ष बनाने का फैसला RJD की सामाजिक समीकरण साधने और नए राजनीतिक समीकरण गढ़ने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। उनके जरिए पार्टी मधेशी और अति पिछड़ा वर्ग को साधने की कोशिश कर सकती है। अब 19 जून को राज्य परिषद की बैठक में यह स्पष्ट हो जाएगा कि लालू-तेजस्वी की पार्टी की बागडोर किसे सौंपी जाती है, लेकिन संकेत साफ हैं कि मंडल को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

कौन हैं मंगनी लाल मंडल 

पूर्व सांसद मंगनी लाल मंडल बिहार के वरिष्ठ नेताओं में शामिल हैं. वे लालू यादव के साथ सियासत करने के साथ ही कुछ समय तक जदयू में रहे थे. जनवरी 2024 में मंगनी लाल मंडल जदयू छोड़कर फिर से राजद में आ गए थे. तब तेजस्वी यादव ने उनका पार्टी में स्वागत किया था. मंगनी लाल मंडल अति पिछड़ों के बड़े नेता माने जाते हैं. राजद में आने पर मंडल ने कहा था कि लालू यादव हमारे नेता हैं। हमारे पुराने सहयोगी हैं। लालू ने अपने कार्यकाल में सामाजिक न्याय को शक्ति प्रदान की। मैं पांच साल जेडीयू में था। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया, लेकिन मुझसे काम नहीं लिया गया। जेडीयू में आंतरिक लोकतंत्र नहीं है।

लोकसभा, राज्य सभा सदस्य रहे

पूर्व सांसद मंगनी लाल मंडल लोकसभा में झंझारपुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। वे 1986 से 2004 तक बिहार विधान परिषद के सदस्य थे। इस अवधि के दौरान, वे राज्य कैबिनेट में मंत्री भी थे। 2004 से 2009 तक, वे राज्य सभा के सदस्य भी थे।


रंजन की रिपोर्ट