Bihar Budget 2025 : सीएम नीतीश के काबिल मंत्री नहीं बोल पाएं मैटरनिटी लीव, सदन में करने लगे मेंटालिटी की बात, फिर तो गजब हुआ...
Bihar Budget 2025 : सदन में सीएम नीतीश के काबिल मंत्री की जुबान लड़खड़ा गई और लड़खड़ाई भी तो ऐसे कि वो मैटरनिटी लीव को मेंटालिटी लीव कहने लगे, इसके बाद सदन में बवाल देखने को मिला...

Bihar Budget 2025 : बिहार विधानसभा में उस वक्त गजब का माहौल देखने को मिला जब बिहार सरकार के मंत्री मैटरनिटी लीव की जगह मेंटालिटी लीव की बात करने लगे। दरअसल, मैटरनिटी लीव पर बात करते करते नीतीश कुमार के मंत्री जी मेंटालिटी लीव की बात करने लगे। वहीं विपक्ष मंत्री जी के जवाब से असंतुष्ट दिखा और सदन में बवाल करने लगे। वहीं विपक्ष के सवालों पर मंत्री श्रवण कुमार जवाब को घुमाते हुए देते दिखे।
मैटरनिटी के बदले बोल दिए मेंटालिटी लीव
दरअसल, बिहार विधान परिषद में सोमवार को जीविका महिला कैडर को मातृत्व अवकाश (मैटरनिटी लीव) और विशेष अवकाश (स्पेशल लीव) दिए जाने के सवाल पर सरकार को विपक्ष ने घेरा। एमएलसी अब्दुल बारी सिद्दीकी ने सरकार से जवाब मांगते हुए कहा कि जीविका परियोजना में 15,000 कर्मी कार्यरत हैं, जिनमें अधिकांश महिलाएं हैं, लेकिन उनके लिए मातृत्व अवकाश का कोई प्रावधान नहीं है। इससे गर्भावस्था के दौरान कई महिलाओं को काम से हटा दिया जाता है। उन्होंने सरकार से मैटरनिटी लीव और स्पेशल लीव लागू करने की मांग की।
मंत्री श्रवण कुमार के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष, सदन में हंगामा
इस सवाल पर पंचायती राज मंत्री श्रवण कुमार घिरते नजर आए। उन्होंने जवाब में कहा कि राज्य में कुल 13 लाख जीविका कर्मी हैं, जिनमें 98,586 महिलाएं शामिल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इन कर्मियों से जुड़े फैसले निचले स्तर पर लिए जाते हैं, क्योंकि ये महिलाएं पार्ट-टाइम काम करती हैं और घर के कामकाज के साथ जीविका का कार्य भी संभालती हैं। मंत्री के इस जवाब से विपक्ष असंतुष्ट दिखा। एमएलसी शशि यादव ने आपत्ति जताते हुए कहा कि "जीविका की महिलाएं आठ घंटे काम करती हैं, फिर भी सरकार उन्हें पार्ट-टाइम कर्मी बता रही है। सरकार गोलमोल जवाब देकर सदन को गुमराह कर रही है।"
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी भी सरकार पर भड़कीं
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा और कहा कि सरकार स्पष्ट जवाब नहीं दे रही है। उन्होंने मांग की कि जीविका महिला कर्मियों को मातृत्व अवकाश और विशेष अवकाश का अधिकार दिया जाए। इस मुद्दे पर सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई और सदन में जोरदार हंगामा देखने को मिला।