Bihar News: जदयू के बड़े नेता को बगावती बोल पड़ा भारी, नीतीश ने भेजा नोटिस, बोले-15 दिन में सफाई दो, गाज गिरना तय!

ihar News: बिहार की फिज़ा में बग़ावत की बू है, और एसआईआर की आड़ में जंग का आगाज़ हो चुका है। ..

MP Girdhari Yadav
जदयू के बड़े नेता को बगावती बोल पड़ा भारी- फोटो : social Media

Bihar News: बिहार की सियासत में इन दिनों कुछ ऐसा खेल चल रहा है जो न तंज से कम है, न तमाशे से। जदयू के बांका से सांसद गिरधारी यादव की ज़ुबान ने ऐसा कहर बरपाया कि पार्टी को नोटिस थमाना पड़ा। इल्ज़ाम ये है कि गिरधारी ने चुनाव आयोग की विशेष मतदाता पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया पर खुलेआम सवाल उठा दिए और वो भी ऐसे लहजे में, जिसे पार्टी ने "विपक्ष की मदद" करार दे दिया।

दरअसल, गिरधारी यादव ने एसआईआर को "तुगलकी फरमान" बताते हुए कहा कि चुनाव आयोग को न बिहार की ज़मीनी हक़ीक़त की समझ है और न ही यहां की मौसमी मार की। उनका कहना था, "ये बरसात और खेती का वक़्त है। ऐसे में लोगों पर दस्तावेज़ों का बोझ लादना ज़ुल्म से कम नहीं।"

उन्होंने तो यहां तक कह डाला कि "पार्टी तो वोट के वक़्त होती है, ये मेरा निजी विचार है।" उनका दर्द ये भी था कि उनके बेटे की मौजूदगी अमेरिका में है, तो वो भला साइन और दस्तावेज़ कैसे भेजे?

इन बेबाक बयानों से बौखलाई जदयू ने तुरंत हरकत में आते हुए अपने सांसद को कारण बताओ नोटिस थमा दिया। राष्ट्रीय महासचिव अफाक अहमद खान के दस्तख़त वाला यह नोटिस कहता है कि चुनाव आयोग अपने संवैधानिक अधिकार के तहत काम कर रहा है और विरोधियों द्वारा फैलाए जा रहे "दुष्प्रचार" से यह अभियान प्रभावित हो रहा है। पार्टी ने गिरधारी के बयान को असहनीय और अनुशासनहीनता की सीमा से परे बताया।

नोटिस में ये भी तल्ख़ी झलकती है कि “आपका बयान कहीं न कहीं विपक्ष को सीधा फायदा पहुंचाने जैसा है। पार्टी ऐसे वक्त में किसी भी भ्रम या बगावत को बर्दाश्त नहीं कर सकती।”

अब सवाल ये है कि क्या गिरधारी का ये अंदाज़-ए-बयां महज भावनाओं का उबाल था या किसी अंदरूनी सियासी भूचाल की दस्तक?

पंद्रह दिन में जवाब देने की मोहलत है, लेकिन सियासी गलियारों में चर्चा गरम है कि क्या गिरधारी पार्टी लाइन से फिसल रहे हैं या कोई नया सियासी मोर्चा खोलने की तैयारी में हैं?

फिलहाल इतना तय है  बिहार की फिज़ा में बग़ावत की बू है, और एसआईआर की आड़ में जंग का आगाज़ हो चुका है।