PATNA : कभी किसी से कुछ नहीं कहा, लगातार अपनी धुन में लगे रहे, कौन क्या कहता है इसकी कभी परवाह नहीं की। हम बात कर रहे हैं लेखक सह पत्रकार मुरली मनोहर श्रीवास्तव की। जहां लोग जाति-धर्म की झंझावतों में उलझे रहते हैं उससे इतर मुरली ने बिस्मिल्लाह खां पर वर्ष 1990 से काम करना शुरु किया और निरंतर करते आ रहे हैं। पुस्तक लिखने, डॉक्यमेंट्री बनाने से लेकर वर्ष 2013 से डुमरांव में बिस्मिल्लाह खां विश्वविद्यालय खोलने के लिए लगातार काम करते आ रहे हैं। लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा बिस्मिल्लाह खां संगीत महाविद्यालय डुमरांव में खोले जाने की घोषणा से काफी प्रभावित हुए हैं। डुमरांव निवासी मुरली मनोहर श्रीवास्तव आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं, जैसे ही उस्ताद बिस्मिल्लाह खां का नाम आता है मुरली का जिक्र होना लाजिमी है। विश्व में अगर कहीं शहनाई की चर्चा होती है तो वह भारत रत्न शहनाई नवाज उस्ताद बिस्मिल्लाह खां के बिना अधूरी है। उस्ताद की निशानी को स्थापित करने के लिए उनके ऊपर पुस्तक लिखने वाले मुरली मनोहर श्रीवास्तव लगभग दो दशक से डुमरांव में ‘बिस्मिल्लाह खां की स्मृति को कायम करने के लिए प्रयासरत रहे। आज उसी का नतीजा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने इसको अमलीजामा पहना दिया है। उस्ताद के ऊपर काम करने का ही नतीजा है कि मुरली को वर्ष 2022 में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज हो चुका है।
ज्ञात हो कि दिसंबर 2013 में पटना में आयोजित कार्यक्रम में मुरली मनोहर श्रीवास्तव ने डुमरांव में बिस्मिल्लाह खां विवि खोलने का ऐलान किया था। वहीं जून 2015 को डुमरांव के तत्कालीन विधायक स्व0 दाउद अली ने मुरली मनोहर श्रीवास्तव के लगन को देखते हुए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को पत्र भूमि आवंटन के लिए पत्र लिखा था।
डॉ. शशि भूषण श्रीवास्तव की पहल पर “बाजे शहनाई हमार अंगना” फिल्म का निर्माण डुमरांव में हुआ था, जिसका मुहूर्त डुमरांव महाराजा कमल सिंह और बिस्मिल्लाह खां ने किया था। मुरली मनोहर श्रीवास्तव द्वारा लिखी गई “शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खां” पुस्तक का लोकार्पण 15 नवंबर, 2009 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, राजद नेता जगदानंद सिंह, प्रख्यात फिल्मकार प्रकाश झा ने इस पुस्तक का लोकार्पण किया था। उस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि उस्ताद के नाम पर डुमरांव में स्मृति स्थापित की जाएगी और उसको स्थापित कर उन्हें सम्मान दिया है। वर्ष 2017 में बिस्मिल्लाह खां के 101 वीं जयंती पर डॉक्यूमेंट्री “सफर-ए-बिस्मिल्लाह” को निर्देशित किया, जिसे बिहार संगीत नाटक अकादमी द्वारा लोकार्पित किया गया था। इतना ही नहीं उस्ताद पर दूरदर्शन के लिए भी डॉक्यूमेंट्री बनाया।