Bihar Land Survey: दाखिला-खारिज को लेकर नया नियम, अब एक ही जमीन पर दोबारा नहीं होगा आवेदन, जानिए राजस्व विभाग ने क्यों दिया ऐसा आदेश

Bihar Land Survey: दाखिला-खारिज को लेकर राजस्व विभाग ने नया नियम लागू कर दिया है। अब जमीन मालिक एक ही जमीन के दाखिला-खारिज के लिए दोबारा आवेदन नहीं कर सकेंगे।

New rule regarding mutation
New rule regarding mutation- फोटो : social media

Bihar Land Survey: बिहार में भूमि सर्वे का काम जारी है। इसी बीच दाखिला-खारिज को लेकर विभाग ने सख्त आदेश जारी किया है। इसके तहत अब अब एक ही जमीन पर दाखिला-खारिज के लिए रैयत दोबारा आवेदन नहीं कर सकेंगे। दरअसल, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने दाखिल-खारिज से जुड़े मामलों में पारदर्शिता और प्रक्रिया की शुचिता बनाए रखने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब कोई भी रैयत (भूमि मालिक) एक ही जमीन के लिए दोबारा दाखिल-खारिज का आवेदन नहीं कर सकेगा। यदि पहले उसका आवेदन अस्वीकृत हो चुका हो। विभाग ने यह व्यवस्था अपने ऑनलाइन पोर्टल और सॉफ्टवेयर में लागू कर दी है।

दूसरी बार किए आवेदन तो हो जाएगा अस्वीकृत 

विभागीय सचिव जय सिंह की ओर से सभी प्रमंडलीय आयुक्तों और जिलों के समाहर्ताओं को पत्र भेजकर यह निर्देश दिया गया है कि सभी ऑनलाइन दाखिल-खारिज आवेदनों की समीक्षा राजस्व कर्मचारी करेंगे। यदि पाया गया कि किसी आवेदक ने पहले अस्वीकृत वाद के बावजूद पुनः उसी खाता व खेसरा नंबर की जमीन पर आवेदन दिया है तो उसे रिव्यू के स्तर पर ही अस्वीकृत कर दिया जाएगा।

सॉफ्टवेयर में भी जोड़ा गया नया फीचर

इस व्यवस्था को विभागीय सॉफ्टवेयर में तकनीकी रूप से भी लागू किया गया है। जिससे दोबारा आवेदन की संभावना स्वतः समाप्त हो जाए। राजस्व कर्मचारी पहले से अस्वीकृत आवेदन का उल्लेख करते हुए अपनी रिपोर्ट अंचल अधिकारी को भेजेंगे और अंचल अधिकारी उसी आधार पर वाद को खारिज कर डीसीएलआर न्यायालय में अपील की सलाह देंगे।

बढ़ती अस्वीकृतियों पर लगाम लगाने की पहल

विभाग की समीक्षा में यह सामने आया कि कई अंचलों में दाखिल-खारिज वादों की अस्वीकृति की संख्या तेजी से बढ़ रही है। कई रैयत पहले अस्वीकृत आवेदन के बाद पुनः वही आवेदन ऑनलाइन माध्यम से दायर कर देते हैं। जिससे न केवल लंबित मामलों का बोझ बढ़ता है बल्कि अधिकारियों पर भी अतिरिक्त दबाव पड़ता है। इस नई व्यवस्था का उद्देश्य इस बोझ को कम करना और अस्वीकृत वादों की संख्या को संतुलित करना है।

जल्द होगा लंबित मामलों का निपटारा

विभाग ने सभी अधिकारियों से कहा है कि वे लंबित दाखिल-खारिज मामलों का जल्द समाधान करें और आवेदकों को अपील की सही प्रक्रिया के बारे में जानकारी दें। इससे आवेदकों को बार-बार आवेदन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी और उन्हें जल्द न्याय भी मिलेगा। यह कदम राजस्व प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और कारगर बनाने की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है।