Bihar Politics: महागठबंधन में AIMIM के नो एंट्री से सीमांचल में चरम पर सियासी गरमी, 20 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा

Bihar Politics:बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में AIMIM की नो एंट्री पर खींचतान तेज हो गई है।..

Bihar Politics: महागठबंधन में AIMIM के नो एंट्री से सीमांचल
महागठबंधन में AIMIM के नो एंट्री से सीमांचल में चरम पर सियासी गरमी- फोटो : social Media

Bihar Politics:बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में AIMIM की एंट्री पर खींचतान तेज हो गई है। पार्टी द्वारा ढोल-ढाक बजाकर शामिल होने की इच्छा और छह सीटों की मांग के बावजूद महागठबंधन ने AIMIM को गठबंधन में शामिल करने से साफ इनकार कर दिया है।

‘नो एंट्री’ के इस फैसले से पार्टी नाराज है और अब सीमांचल की राजनीति में इसके असर पर चर्चा शुरू हो गई है। कटिहार, किशनगंज, अररिया और पूर्णिया जैसे जिलों में AIMIM का सीमित लेकिन ठोस जनाधार माना जाता है।

कटिहार में हालात का जायजा लेते हुए राजद जिला अध्यक्ष इशरत परवीन ने कहा कि “MY (मुस्लिम-यादव) समीकरण पूरी तरह महागठबंधन के साथ  है। सीमांचल में गठबंधन को कोई खतरा नहीं है।”

वहीं, AIMIM जिला अध्यक्ष नदीम अख्तर ने नाराजगी जताते हुए कहा कि “हमने केवल छह सीटें मांगी थीं, लेकिन महागठबंधन ने ठुकरा दिया। अब इसका नतीजा उन्हें ही भुगतना पड़ेगा। सीमांचल में हमारी पार्टी अब छह नहीं, बीस सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी।”

राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, AIMIM का अलग रास्ता अख्तियार करना सीमांचल के मुस्लिम वोट बैंक में विभाजन की संभावना बढ़ा सकता है, जिससे अप्रत्यक्ष रूप से जदयू-भाजपा गठबंधन को लाभ मिल सकता है।

रिपोर्ट- श्याम कुमार सिंह