Ration Card: अब हर महीने नहीं मिलेगा राशन, सरकार का बड़ा फैसला, जानिए कैसे मिलेगा लाभ?

Ration Card:

राशन
अब ऐसे मिलेगा लाभ - फोटो : social media

Ration Card:  हर महीने मिलने वाला राशन अब नहीं मिलेगा। सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत अब हर तीन महीने पर राशन मिलेगा। दरअसल, भारत सरकार ने करोड़ों राशन कार्डधारकों के लिए ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब लाभार्थियों को हर महीने अलग-अलग राशन लेने की बजाय सीधे तीन महीने का राशन एक साथ मिलेगा। इस फैसले से गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी, जिन्हें पहले हर महीने लंबी कतारों में लगकर राशन लेना पड़ता था।

क्यों लिया गया फैसला

कोरोना काल में लाखों परिवारों को समय पर राशन नहीं मिल पाया था। कहीं लंबी कतारें लगीं तो कहीं परिवहन बाधित हुआ। इन्हीं अनुभवों से सीख लेकर सरकार ने अब वितरण प्रणाली को और सरल व प्रभावी बनाने का निर्णय लिया है।

किन्हें मिलेगा फायदा?

यह योजना सभी वैध राशन कार्डधारकों पर लागू होगी। NFSA, AAY, PHH और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के लाभार्थियों को स्वतः तीन महीने का राशन मिलेगा। इसके लिए किसी नए आवेदन की आवश्यकता नहीं है।

कैसे लागू होगी व्यवस्था

पूरे देश में यह नियम एक साथ लागू नहीं होगा। इसे राज्यों में चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जा रहा है। कई राज्यों में सफल परीक्षण के बाद सरकार का लक्ष्य है कि 2025 के अंत तक इसे पूरे देश में लागू कर दिया जाए।

कालाबाजारी रोकने के लिए बड़ा कदम 

राशन वितरण में कालाबाजारी और फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के लिए स्मार्ट राशन कार्ड, OTP वेरिफिकेशन और ऑनलाइन ट्रैकिंग जैसी तकनीकों का इस्तेमाल होगा। इससे सुनिश्चित होगा कि राशन केवल असली लाभार्थियों तक पहुंचे।

घर-घर पहुंचेगा राशन

कुछ राज्य सरकारें राशन की डोर-स्टेप डिलीवरी की भी तैयारी कर रही हैं। इसके लिए मोबाइल वैन और सरकारी वाहनों की तैनाती की जाएगी ताकि वृद्ध, दिव्यांग और अकेले रहने वाले लोगों को घर बैठे सुविधा मिल सके।

भोजन सुरक्षा को नया भरोसा

तीन महीने का राशन एक साथ मिलने से गरीब और निम्न मध्यमवर्गीय परिवारों को भोजन सुरक्षा की गारंटी मिलेगी। इससे समय और परिवहन खर्च बचेगा तथा परिवार अपनी जरूरतों के अनुसार बेहतर योजना बना सकेंगे।

राज्यवार सामग्री में भिन्नता

योजना के तहत मिलने वाली सामग्री राज्यों के हिसाब से अलग-अलग होगी। सामान्य तौर पर इसमें गेहूं, चावल, दाल, नमक, तेल और कुछ राज्यों में चीनी भी शामिल होगी। यह वितरण लाभार्थी की तीन महीने की अनुमानित खपत पर आधारित होगा।